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बिजनेस

ब्लैकबेरी ‘कीवन’ : पुरानी यादों से जोड़ता है एंड्रायड-क्वार्टी अनुभूति

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नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। कनाडा की रिसर्च इन मोशन (आरआईएम) कंपनी द्वारा उत्पादित ब्लैकबेरी डिवाइसें आईफोन और एंड्रायड स्मार्टफोन से पिछड़ गए और लोगों की यादों का हिस्सा बनकर रह गए हैं। लेकिन आरआईएम ने एक बार फिर इन क्वेर्टी कीबोर्ड वाले हैंडसेट्स को एंड्रायड के साथ लांच किया है, जो कभी कॉरपोरेट दुनिया में स्टाइल स्टेटमेंट हुआ करता था।

ब्लैकबेरी ‘कीवन’ को चीनी कंपनी टीएसएल ने इस साल की शुरुआत में लांच किया था। अब यह भारत में घरेलू कंपनी ऑप्टेमस इंफ्राकॉम लेकर आई है, जो दुनिया भर में ‘कीवन’ डिवाइस का लाइसेंस रखने वाली तीन कंपनियों में से एक है।

‘कीवन’ के सीमित संस्करण वाली काले रंग की डिवाइस की कीमत 39,990 रुपये है जो यूजर्स को नवीनतम एंड्रायड ओएस के साथ ब्लैकबेरी का ट्रेडमार्क क्वार्टी कीबोर्ड का अनुभव प्रदान करने का दावा करती है।

यह फोन दिखने में बढ़िया है और हथेली में भी आसानी से समा जाता है। इसका कीबोर्ड ट्रैक पैड का भी काम करता है जो वेबपेज को आसानी से ऊपर-नीचे करता है। यह खूबी किसी अन्य स्मार्टफोन में नहीं दिखती।

इसका फिंगरप्रिंट सेंसर स्पेसबार के साथ जुड़ा है, जो झट से फोन को अनलॉक कर देता है। इसका फ्रेम एनोडाइज्ड अल्यूमिनियम से बना है, जो मजबूत है।

इसका स्क्रीन 4.5 इंच का आईपीएस डिस्प्ले है जिस पर कॉर्निग गोरिल्ला ग्लास लगी हुई है।

इसका पिछला कैमरा 12 मेगापिक्सल का है जिसमें सोनी के लेंस लगे हैं और इसका एपरचर एफ/2.0 है। गूगल के पिक्सल फोन के लेंस का अपरचर भी इतना ही है। लेकिन यह पिक्सल जितनी अच्छी तस्वीरें नहीं खींच पाता है।

हालांकि अच्छी रोशनी में खीची गई तस्वीरें बेहतर नजर आती है और माइक्रो तस्वीरों में भी डेप्थ ऑफ फील्ड बढ़िया दिखता है। यह 4जी वीओएलटीई सक्षम फोन है, जिसमें ड्यूअल सिम की सुविधा दी गई है।

इसमें स्नैपड्रैगन 625 चिपसेट लगा है, जो अब पुराना पड़ चुका है। इसकी कीमत को देखते हुए हमें बेहतर चिपसेट की उम्मीद थी। इसकी कीमत में ऑनर 8 प्रो और वनप्लस 5 बेहतर और नवीनतम चिपसेट के साथ आते हैं।

‘कीवन’ डिवाइस उन लोगों के लिए है, जो कीबोर्ड के बटन वाला स्मार्टफोन चाहते हैं। इसके अलावा इसका डिजायन बढ़िया है, साथ ही यह पुरानी यादों से भी जुड़ने का मौका देता है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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