आध्यात्म
भक्ति को ज्ञान की कोई आवश्यकता नहीं है
अर्थात् एक गोपी श्यामसुन्दर के अनन्त सौन्दर्य रसपान में इतनी मुग्ध हो गई कि आँखों में आनन्द के अश्रु आ गये। वह गोपी अपने आनन्द के आंसुओं की निंदा करती है। क्योंकि यह भी स्वार्थ है। सेवा में बाधा पड़ जायगी। इसी प्रकार द्वारिका में (द्वारिका धाम ऐश्वर्य मिश्र माधुर्य का है) एक बार दारुक पंखा कर रहे थे। द्वारिकाधीश के दर्शन से सात्त्विक भावों का उद्रेक हो गया। इससे पंखा झलने में बाधा पड़ गई। जब ध्यान आया, तब दारुक ने सात्त्विक भावों को बहुत धिक्कारा।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
ज्ञान बिना हो भक्ति पै, भक्ति बिना नहीं ज्ञान।
भगति बिना हो ज्ञान जो, लावत उर अभिमान।। 47।।
भावार्थ- भक्ति को ज्ञान की कोई आवश्यकता नहीं है। किंतु ज्ञान को भक्ति की परमावश्यकता है, क्योंकि बिना भक्ति वाला ज्ञान, अभिमानवर्धक होता है। मोक्ष प्राप्ति की तो बात स्वप्नवत् है।
व्याख्या- ज्ञान अनेक प्रकार के होते हैं। उनमें प्रमुख भौतिक ज्ञान एवं आध्यात्मिक ज्ञान दो ही हैं। इन दोनों में भौतिकज्ञान का तो यहाँ विषय ही नहीं है। अध्यात्मज्ञान भी कई प्रकार का होता है। यथा एक शाब्दिक अध्यात्मज्ञान। दूसरा क्रियात्मक अध्यात्म ज्ञान। इनमें शाब्दिक ज्ञान तो वेदादि अध्ययन द्वारा (क्रियाहीन) होता है, जो शब्दाडंबर मात्र ही है। दूसरा क्रियात्मक या साधनात्मक ज्ञान होता है।
इसमें वेदानुसार गुरु की शरणागति में रहकर साधना की जाती है। पूर्व में मैंने 8 प्रकार की साधना बताई है। किंतु यह ध्यान रहे कि इन 8 प्रकार की साधनाओं को अंतःकरण से ही करना है। शब्दों से नहीं। इस प्रकार सैकड़ों जन्म साधना करने पर यदि पूर्णता को प्राप्त हो जाता है तो आत्मज्ञान मात्र प्राप्त होता है। यह आंशिक ब्रह्मज्ञान भी कहा जाता है। बस यहीं पर ज्ञान की साधना की इतिश्री हो गई। इसके अनन्तर श्रीकृष्ण की भक्ति अनिवार्य है अन्यथा ब्रह्मज्ञान एवं उससे मोक्ष की प्राप्ति न हो सकेगी। किंतु भक्ति स्वतंत्र है। वह तो ज्ञान वैराग्य की जननी है।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
आध्यात्म
महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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