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भरपूर नींद लें तो दूर होगा कार्यस्‍थल का तनाव

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नींद, तनाव, सेहत, कार्यस्थल, जंक फूड

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न्यूयार्कआप अपने कार्यस्थल पर तनाव में रहते हैं, तो यह आपको रात में ज्यादा खाने या जंक फूड लेने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह स्थिति आपकी सेहत के लिए घातक हो सकती है।

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एक नया शोध बताता है कि रात में अच्छी नींद आपको कार्यस्थल के तनाव और शाम को अस्वस्थ करने वाले भोजन से बचा सकती है। अमेरिका में मिशीगन राज्य विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर और इस अध्ययन की सह लेखिका चू-सीयांग चांग ने कहा, “हमने पाया है कि जिन कर्मचारियों का कार्यस्थल का दिन तनावभरा रहता है, वे कार्यस्थल की अपनी नकारात्मक भावनाओं को खाने की मेज पर लाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि वे सामान्य से ज्यादा भोजन करते हैं और स्वस्थ्य भोजन की बजाय जंक फूड को लेना ज्यादा पसंद करते हैं।”

शोध का निष्कर्ष जर्नल ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी में ऑनलाइन प्रकाशित हुआ है। इसके लिए चीन में 235 कर्मियों के दो अलग-अलग अध्ययन हुए हैं। एक अध्ययन सूचना प्रोद्योगिकी से संबंध कर्मचारियों का है, जिनका रोजाना उच्चस्तर के भारी काम से सामना होता है और जो महसूस करते हैं कि उनके पास कार्यस्थल में कभी पर्याप्त समय नहीं रहता है।

दूसरा शोध कॉल सेंटरों के कर्मचारियों से संबंधित है, जो तरह-तरह के ग्राहकों से बातचीत करते-करते अक्सर तनाव में आ जाते हैं। अमेरिका में इलिनोइस विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर और शोध रिपोर्ट के सह लेखक इहाओ लिउ ने कहा, “दोनों ही मामलों में, कार्यस्थल पर तनाव नौकरी के दौरान कर्मचारियों के नकारात्मक व्यवहार से जुड़ा हुआ है और शाम को अस्वास्थ्यकर भोजन में रुचि से जुड़ा है।”

लिउ ने कहा, “समय-समय पर भोजन लेना किसी व्यक्ति के नकारात्मक व्यवहार को शांत और नियंत्रित करने की गतिविधि के रूप में कार्य करता है, क्योंकि व्यक्ति प्रतिकूल भावनाओं से बचने का प्रयास करते हैं और इच्छित भावनाओं को स्वीकार करना पसंद करते हैं।”

लिउ ने कहा, “दूसरा, अस्वास्थ्यकर भोजन आत्मविश्वास के कम होने का एक कारण हो सकता है। जब भारी काम के कारण तनावपूर्ण भावनाएं आती हैं, तब व्यक्ति सामान्य रूप से अपनी बुद्धि और व्यवहारों में प्रभावी नियंत्रण नहीं रख पाते, जोकि व्यक्ति के लक्ष्यों और सामाजिक मूल्यों से जुड़े होते हैं।”

चांग ने इस बात को रेखांकित किया कि भरपूर नींद लेना अस्वास्थ्यकर भोजन करने, जोकि कार्यस्थल के तनाव के कारण होता है, से बचाने में मदद करता है। यह ये भी बताता है कि कैसे इससे स्वस्थ व्यवहार जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “रात में अच्छी नींद कर्मियों को दोबारा तरोताजा बनाती है, जो उन्हें अगले दिन कार्यस्थल पर तनाव से निपटने में मदद करती है और वे अस्वास्थ्यकर भोजन करने से बचाती है।”

 

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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