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मुख्य समाचार

भारतवंशी चिकित्सक राहुल गुप्ता पश्चिम वर्जीनिया के स्वास्थ्य ब्यूरो प्रमुख

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वाशिंगटन| भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक डॉ. राहुल गुप्ता एक जनवरी से पश्चिम वर्जीनिया के सार्वजनिक स्वास्थ्य ब्यूरो का नेतृत्व करेंगे। डॉ. गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से चिकित्सा की डिग्री हासिल की है। पश्चिम वर्जीनिया के स्वास्थ्य विभाग एवं और मानव संसाधन कैबिनेट मंत्री कारिन एल. बाउलिंग ने गुरुवार को डॉ. गुप्ता की सार्वजनिक स्वास्थ्य ब्यूरो के आयुक्त एवं राज्य स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर नियुक्ति की घोषणा की।

डॉ. गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के युनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेस से एमडी किया है। उन्होंने युनिवर्सिटी ऑफ अलबामा-बर्मिघम से मास्टर्स की डिग्री ली है। वह 1999 से अमेरिकन बोर्ड ऑफ इंटरनल मेडिसिन से प्रमाणित हैं।

डॉ. गुप्ता 31 दिसंबर को त्यागपत्र दे रहे डॉ. लेतीतिया ई. टायर्नी की जगह लेंगे। टायर्नी नियुक्ति के महज 13 महीनों बाद ही त्याग पत्र दे रहे हैं।

बाउलिंग ने कहा, “डॉ. गुप्ता एक सम्मानित और स्थापित सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवर हैं।”

उन्होंने कहा, “उनका अनुभव और ज्ञान डीएचएचआर को लाभ पहुंचाएगा।”

गुप्ता वर्ष 2009 से कानाहा-चार्लेस्टॉन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी निदेशक एवं स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं।

उन्होंने पुतनाम काउंटी स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी निदेशक एवं स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर भी काम किया है।

डॉ. गुप्ता ने कहा, “मंत्री बाउलिंग द्वारा इस पद पर मेरी नियुक्ति किए जाने से मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”

उन्होंने कहा, “हमारे राज्य के पेशेवरों और साथियों के साथ काम करते हुए मैं पश्चिम वर्जीनिया के लोगों की मदद करने और सकारात्मक एवं स्थाई स्वास्थ्य परिणाम पाने की उम्मीद करता हूं।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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