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भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन गहन संबंधों का गवाह : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन 2015 एक बेहतर भविष्य के लिए भारत और अफ्रीका की अधिक गहराई से एक-दूसरे के साथ जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन 2015 की मेजबानी के लिए भारत को गर्व है। यह सम्मेलन एक बेहतर भविष्य के लिए भारत और अफ्रीका की अधिक गहराई से एक-दूसरे से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है।”

मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए भागीदारी में वृद्धि हुई है और अफ्रीका के कई नेता इसमें हिस्सा लेने वाले हैं। मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “अफ्रीका के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक हैं। अफ्रीका में भारत एक प्रमुख निवेशक है और हाल के सालों में व्यापार में काफी वृद्धि हुई है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि मित्रता और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य कार्यक्रमों के भी आयोजन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और अफ्रीका का रिश्ता काफी करीब का रहा है।

मोदी ने ‘मेमोरीज ऑफ महात्मा’ प्रदर्शनी का भी जिक्र किया और कहा कि यह बापू के जीवन तथा अफ्रीका के साथ उनके रिश्तों को दर्शाता है।” कृषि, समुद्री अर्थव्यवस्था और सुरक्षा अफ्रीकी देशों के साथ भारत के संबंधों के महत्वपूर्ण पहलू हैं। भारत-अफ्रीका व्यापार पर एक संगोष्ठी का आयोजन दिल्ली में 26 से 29 अक्टूबर तक किया जाना है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम), नवतेज सरना ने शुक्रवार को कहा था कि अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों का भारत का दृष्टिकोण साझेदारी को लेकर है। उन्होंने कहा कि समुद्री अर्थव्यवस्था अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों को जोड़ने का एक और क्षेत्र है। सरना ने कहा कि समुद्री अर्थव्यवस्था या महासागरीय अर्थव्यवस्था अफ्रीका के लिए काफी जरूरी है और वह केन्या, तंजानिया, मॉरीशस जैसे देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं।

सरना ने कृषि को अफ्रीका के साथ साझेदारी के लिए अन्य क्षेत्र के रूप में दर्शाया। सचिव ने बताया कि अफ्रीका के साथ भारत का व्यापार अब 70 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

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हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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