बिजनेस
भारत की विकास दर में 2017-18 में तेजी की उम्मीद : आईएमएफ
नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)| उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बेहतर प्रदर्शन के दम पर तेजी से पटरी पर लौट रही वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की विकास दर में 2017, 2018 तक तेजी आने की उम्मीद जताई है। आईएमएफ ने सोमवार को जारी अपनी वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट में कहा है, भारत की विकास दर में 2017 और 2018 तक तेजी आने की उम्मीद है, जो अप्रैल, 2017 में जताए गए अनुमान के अनुकूल है।
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, अप्रैल में जारी किए गए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में व्यक्त किए गए अनुमान के मुताबिक ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रगति है।
आईएमएफ ने भारत में पिछले साल हुई नोटबंदी और केंद्र सरकार द्वारा जीडीपी की गणना के लिए आधार वर्ष में परिवर्तन का हवाला देते हुए कहा, मुद्रा परिवर्तन की पहल के चलते जहां आर्थिक गतिविधियों में शिथिलता आई, वहीं सरकार द्वारा अत्यधिक धन खर्च करने और आंकड़ों में परिवर्तन के कारण 2016 में भारत की विकास दर अनुमान से अधिक 7.1 फीसदी रही। और यह इस वर्ष की पहली छमाही में भी बनी हुई है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर अप्रैल के डब्ल्यूईओ में व्यक्त अनुमान से अधिक रहा। अत्याधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई दर नियंत्रित रही और अमूमन लक्ष्य से कमतर ही देखी गई, साथ ही ब्राजील, भारत और रूस जैसी कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भी महंगाई दर में कमी आई।
आईएमएफ ने 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.8 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान व्यक्त किया है, जो मौजूदा आर्थिक गतिविधियों की तुलना में कहीं अधिक है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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