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भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती है गोवधः स्वामी अधोक्षजानंद
लखनऊ। गोमांस को लेकर पूरे देश में छिड़े विवाद के चलते समाज के विभिन्न तबकों के लोगों के निशाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार है। इसी क्रम में पुरी पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज का कहना है कि अब जबकि केंद्र में एक पूर्ण बहुमत की सरकार है तो गोमांस पर पूर्ण प्रतिबंध का कानून संसद से क्यों नहीं पारित हो रहा है।
आज की खबर को दिए एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में स्वामी जी ने कहा कि भारत की संप्रभुता के लिए गोवध एक चुनौती है और गोवध यहां पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाना चाहिए। स्वामी जी ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि एक तरफ जहां देश का मुस्लिम समाज और उनके धर्मगुरू गोवध को प्रतिबंधित करने को लेकर हिंदू समाज के साथ हैं वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार गोवध प्रतिबंधित करने का कानून लाने में अभी तक अक्षम रही है। केंद्र सरकार से गोवध प्रतिबंधित कानून संसद से पारित कराने की अपेक्षा करते हुए स्वामी जी ने कहा कि ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिसमे गाय तस्करी, गोमांस निर्यात करने वालों के लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान हो।
यह पूछे जाने पर कि केद्र की सत्ता में आने से पूर्व गाय, गंगा और गीता पर ढेरों वादे करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार पूर्ण बहुमत में आने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कार्य क्यों नहीं कर रही है, स्वामी जी का कहना था कि देश की जनता ने इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा, अब या तो ये शासन करेंगे या बर्बाद होंगे। जनता ने इन्हें शासन करने का मौका दिया और ये शासन कर भी रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि इन्हें शासन करना नहीं आता। इन्हें मालुम है कि इनके पास अब बहाना करने को कुछ भी नहीं बचा। अब न तो ये कांग्रेस पर आरोप मढ़ सकते हैं और न ही मुसलमानों पर आरोप मढ़ सकते हैं, कुछ मुद्दे तो ऐसे हैं जिस पर हिंदू मुसलमान पूरी तरह से एक है और धर्मरक्षा के लिए यह जरूरी भी है। यह लोग धर्म के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं और आज यह लोग वही काम न करके जनता के सामने बेनकाब हो रहे हैं इसमें किसी विरोधी पार्टी की जरूरत ही नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि सत्ता में आने से पूर्व भाजपा यह कहती थी की हम गोवध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करेंगे लेकिन इस दिशा में तो कोई काम नहीं हुआ है, स्वामी जी ने कहा कि बिल्कुल, इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है बल्कि इस शासनकाल में गाय के मांस का निर्यात बढ़ गया है, प्रचलन बढ़ गया है और यह बहुत शर्म की बात है।
आजम खां को गोपालक व गोसंरक्षक समझे जाने के सवाल पर स्वामी जी ने कहा कि आजम खां वैसे तो बड़े नेता हैं ही, साथ ही वह एक सच्चे मजहबी इंसान भी है। मजहब को जो मानते हैं वो सच्चे इंसान होते हैं। गाय के लिए जबसे उनकी हमारी चर्चा हुई है उन्होंने भारत सरकार से गोवध को पूर्णतया प्रतिबंधित करने की बात कही है और उनके बारे में अब यह सोचने की गुजाइंश ही नहीं रह जाती है कि वे गोपालक हैं या नहीं। वैसे भी एक मजहब दूसरे मजहब को आदर देने की बात ही करता है इसीलिए वो एक मजहबी इंसान होने के नाते दूसरे मजहब का आदर करते हैं उनकी धार्मिक गतिविधियों का आदर करते हैं।
गाय के विषय में तो उन्होंने साफ कहा है कि मोहम्मद साहब ने कहा था कि गाय का मांस नहीं बल्कि गाय का दूध फायदेमंद होता है। उन्होंने अपने गोशाला में जिस तरह से गोसेवा की व्यवस्था की है उससे हिंदूवादी नेताओं को सबक लेना चाहिए। जब ये हिंदूवादी सत्ता में नहीं थे तो कितने सारे संगठन मौजूद थे आज वे सब किन कंदराओं में छिप गए हैं इसका पता ही नहीं है। कोई आवाज ही उठाने वाला नहीं है। अब इनके पास बहुमत न होने का बहाना भी नहीं है।
गाय संरक्षण के लिए आजम खां द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह करने के सवाल पर पुरी पीठाधीश्वर का कहना था कि आजम खां ने मुझे लिखे पत्र में यह बात कही है जिससे उनका गोप्रेम साबित होता है और मैं जल्द ही प्रधानमंत्री को इस विषय में उनकी भावनाओं से अवगत कराऊंगा। प्रधानमंत्री के विदेश दौरों पर कटाक्ष करते हुए स्वामी जी ने कहा कि उन्हें और उनके मंत्रियों को देश की आस्थाओं व व्यवस्थाओं के लिए भी समय निकालना चाहिए। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी अपील की है कि वे अपने सिपाही (नरेंद्र मोदी) को इस काम को करने के लिए आदेश दें।
दादरी कांड पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आहत स्वर में उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गैरजरूरी कार्य है जोकि नहीं होना चाहिए। यह कथित संगठन जो उन्हें करना चाहिए वो तो करते नहीं और जो नहीं करना चाहिए वही करते हैं। इन हिंदूवादी संगठनों के लिए यह सही मौका है कि वे प्रधानमंत्री पर इस बात का दबाव डालें कि वह गोवध प्रतिबंध कानून बना दें और जब यह कानूनी रूप ले लेगा तब कोई शंका ही नहीं रह जाएगी। अब अफवाहों के आधार पर किसी का खेत जलाना, किसी का घर जलाना या किसी को मार डालना यह मानवीय संस्कृति नहीं है। यह जंगलराज हम देख रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो देश का सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो जाएगा। जिसे संभालना बड़ा कठिन कार्य होगा।
यह पूछे जाने पर कि आपके गुरु और पुरी पीठ के पूर्व शंकराचार्य स्वामी निरंजनदेव तीर्थ महाराज तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय में गौ संरक्षा अधिनियम को लेकर 72 दिनों तक उपवास पर रहे थे तो क्या आप भी वर्तमान सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कोई इरादा रखते हैं, उन्होंने कहा कि हम पहले तो उनको कहेंगे, कहना शुरू कर दिए हैं, अभी हम प्रधानमंत्री को जल्द ही पत्र भी लिखेंगे और हम चाहेंगे कि संसद के आने वाले सत्र में ही गोवध प्रतिबंध कानून पास हो, इसके लिए हम सांसदों को भी पत्र लिखने जा रहे हैं कि वो इस कानून को लाने में मदद करें। स्वामी जी ने कहा कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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