Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

‘भारत के लिए असफल रहा लीमा सम्मेलन’

Published

on

Loading

नई दिल्ली| दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा में जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए हुई बैठक का कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल सका, विशेषकर भारत जैसे कम विकसित देशों के लिए यह बैठक कोई प्रभावी समाधान देने में असफल रहा।

विकसित और विकासशील देशों के बीच जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से पिछले सप्ताह संपन्न हुई इस बैठक पर नजर रखने वाले लोगों ने कहा कि बैठक के नतीजे विकसित और भारत जैसे विकासशील देशों के बीच अंतर को धीरे-धीरे पाटने वाला साबित होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कारण यह है कि धनवान देशों के हित में वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से संबंधित समझौते के मूल सिद्धांतों का कमजोर होना है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और पर्यावरण सलाहकार श्रीकांत गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, “लीमा में हुई बैठक पूर्व की ही भांति धनवान और गरीब देशों के बीच की खाई को रेखांकित करने वाली रही।”

विशेषज्ञों के अनुसार, लीमा सम्मेलन का विरोधाभास विभिन्न देशों के लिए समान लेकिन पृथक जिम्मेदारियों में कमी लाना है।

वास्तव में इसकी शुरुआत 1992 में जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण रखने के लिए तैयार संयुक्त राष्ट्र संधि प्रारूप से हुई। यह संधि प्रारूप दो मुख्य तथ्यों पर आधारित था-पहला धनवान और गरीब देशों के बीच अंतर को चिह्न्ति करना और दूसरा धनवान देशों द्वारा उनके यहां विकास और समस्या को जटिल बनाने में उनके योगदान के आधार पर नियंत्रण में भी अहम योगदान देना।

विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) के उप निदेशक चंद्र भूषण ने आईएएनएस से कहा, “लीमा सम्मेलन में इसमें तीसरे बिंदु ‘राष्ट्रीय परिस्थितियों’ को भी जोड़ दिया गया, जबकि यह सम्मेलन विकासशील देशों की सीमित क्षमता को देखते हुए जिम्मेदारी तय करने पर केंद्रित था।”

भूषण ने स्पष्ट किया, “राष्ट्रीय परिस्थितियों को लेकर विकसित और विकासशील देशों को एक ही सतह पर रख दिया गया। इस आधार पर विकसित देश जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए पहल करने या न करने के पीछे आर्थिक मंदी या इसी तरह की दूसरी परिस्थितियों का हवाला दे सकेंगे।”

दिल्ली विज्ञान मंच के लिए काम करने वाले पर्यावरणविद् रघुनंदन ने कहा कि भारत को बाहरी समीक्षा से डरने की जरूरत नहीं है।

प्रदूषण करने वाले दुनिया के चौथे देश के रूप में भारत वायुमंडल में अपेक्षाकृत बहुत कम कार्बन उत्सर्जित करता है। भारत अपने यहां विकास के लिए मजबूरी में उठाए जा रहे कदमों और गरीबी उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए अपने योगदान के स्तर का बचाव अच्छी तरह कर सकता है।

इन सबके बीच हालांकि कुछ सकारात्मक बातें भी निकलकर आई हैं।

संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम के पूर्व निदेशक राजेंद्र शेंडे ने कहा कि लीमा में सबकुछ खराब ही नहीं रहा।

शेंडे ने पुणे से फोन पर आईएएनएस से कहा, “भारत पृथक-पृथक लेकिन समान जिम्मेदारियों का मुद्दा बनाए रखने में सफल रहा। इस मुद्दे पर अगले वर्ष होने वाली चर्चा के दौरान भी चर्चा होगी।”

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending