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भारत ने अंतरिक्ष वेधशाला लांच कर रचा इतिहास

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श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश)। भारत अपने पहले अंतरिक्ष वेधशाला के रूप में अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह ‘एस्ट्रोसैट’ के लांच के साथ ही इस तरह की क्षमता रखने वाले कुछ विशिष्ट देशों के समूह में सोमवार को शामिल हो गया। ‘एस्ट्रोसैट’ के साथ छह अन्य विदेशी उपग्रह भी अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किए गए हैं।

‘एस्ट्रोसैट’ अंतरिक्ष वेधशाला के रूप में उसके द्वारा संचालित पहला मिशन है और इसका वजन 1,513 किलोग्राम है और यह 1.80 करोड़ रुपये की लागत से बना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा सोमवार को ‘एस्ट्रोसैट’ उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही अब भारत अपनी वेधशाला लांच करने वाले देशों के समूह में शामिल हो गया है। इस समूह में अमेरिका, जापान, रूस और यूरोप शमिल हैं।
सात उपग्रहों को ले जाने वाले 44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजनी चार स्तरीय पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट ने सोमवार सुबह 10.0 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। भारत सोमवार को छह विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के साथ ही अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में 50 वर्ष पूरा कर चुका है।

एस्ट्रोसैट, देश का पहला बहु-तरंगदैर्ध्य वाला अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह है, जो ब्रह्मांड के बारे में अहम जानकारियां प्रदान करेगा। संयोग से यह पहला मौका है, जब एक भारतीय रॉकेट ने अमेरिका के उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं। भारत अब तक शुल्क लेकर 45 विदेशी उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर चुका है। इसरो के मुताबिक, पीएसएलवी के प्रक्षेपण के लिए शनिवार सुबह आठ बजे उल्टी गिनती शुरू की गई थी।

इसरो ने 2010 में एक साथ 10 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था, जिसमें भारत के दो काटरेसैट-2ए उपग्रह भी शामिल थे। सोमवार को भारत ने तीसरी बार एक साथ सात उपग्रहों का प्रक्षेपण किया।

इसरो के चैयरमेन ए.एस. किरण कुमार ने इसे एक ‘जश्न से भरपूर दिन’ बताया और इसरो की पूरी टीम को बधाई भी दी। इसरो की मिशन तैयारी समिति और प्रक्षेपण अनुज्ञा बोर्ड ने गुरुवार को 50 घंटे पूर्व उल्टी गिनती शुरू किए जाने को मंजूरी दे दी थी। सोमवार को प्रक्षेपित हुए इस रॉकेट में 1,513 किलोग्राम वजनी भारतीय एस्ट्रोसैट उपग्रह के अलावा अमेरिका के चार और इंडोनेशिया तथा कनाडा के एक-एक उपग्रह शामिल हैं।

रॉकेट के साथ लांच किए गए सातों उपग्रहों का कुल वजन 1,631 किलोग्राम है। उड़ान भरने के 22 मिनट बाद इस रॉकेट ने धरती की सतह से 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर एस्ट्रोसैट को उसकी कक्षा में स्थापित किया। इसके कुछ ही मिनट के अंतराल पर शेष छह उपग्रह भी अपनी-अपनी कक्षा में स्थापित कर दिए गए। एस्ट्रोसेट पर सुदूर आकाशीय पिंडों के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ उपकरण लगे हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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