मुख्य समाचार
भारत ने चौथा नौवहन उपग्रह छोड़ा
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारत ने शनिवार को अपना चौथा नौवहन उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। यह उपग्रह खुद के रॉकेट से छोड़ा गया। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी27) ने उपग्रह के साथ ठीक शाम 5.19 बजे अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान किया। रॉकेट लगभग 320 टन वजनी और लगभग 44 मीटर लंबा था। इस सफलता के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ चला है, जिनके पास खुद की नौवहन प्रणाली है।
रॉकेट के साथ सिर्फ एक लेकिन 1,425 किलोग्राम भार वाला महत्वपूर्ण आईआरएनएसएस-1डी उपग्रह अंतरिक्ष में गया है। रॉकेट को यहां चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण मंच से दागा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रॉकेट ने जैसे ही गति पकड़ी, वह आग की लपटों से घिरी एक लंबी वस्तु की तरह दिखा। रॉकेट के दागे जाने के बाद यहां मौजूद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों तथा मीडिया टीम ने खुशी का इजहार किया।
रॉकेट मिशन नियंत्रण कक्ष में मौजूद इसरो के वैज्ञानिक अपने कंप्यूटर स्क्रीन से चिपके रहे और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से रॉकेट के बाहर निकलने की स्थिति पर नजर गड़ाए रहे। पीएसएलवी-सी27 ने लगभग 20 मिनट की उड़ान के दौरान आईआरएनएसएस-आईडी को अपने से अलग कर दिया। इसके साथ ही मिशन नियंत्रण कक्ष में बैठे वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली और उन्होंने तालियां बजाई।
उपग्रह के कक्षा में पहुंचने के तत्काल बाद उपग्रह के सौर पैनल तैनात हो गए। उपग्रह का नियंत्रण कर्नाटक के हासन स्थित मिशन नियंत्रण केंद्र (एमसीएफ) से किया गया। उपग्रह जबतक गोलाकार भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित नहीं हो जाता, तबतक उसपर लगे मोटर को चालू कर उपग्रह की कक्षा उन्नयन का प्रबंधन एमसीएफ से किया जाएगा। यह प्रणाली अमेरिका (24 उपग्रह) के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस), रूस के ग्लोनास (24 उपग्रह) और यूरोप के गैलीलियो (27 उपग्रह), चीन के बीदोऊ (35 उपग्रह) के जैसी है। जीपीएस और ग्लोनास पूरी तरह सक्रिय वैश्विक प्रणालियां हैं, लेकिन चीन और जापान की प्रणालियां क्षेत्रीय कवरेज प्रदान करती हैं और यूरोप का गैलीलियो अभी तक सक्रिय नहीं हुई है।
आईआरएनएसएस दो तरह की सेवाएं प्रदान करेगी- मानक पोजिशनिंग सेवा और सीमित सेवा। पहली सेवा सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध होगी और दूसरी सिर्फ अधिकृत उपभोक्ताओं के लिए होगी।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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