बिजनेस
भारत में एक लाख करोड़ का निवेश करेगा कतर का शाही परिवार
आंध्र प्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए किया एमओयू पर हस्ताक्षर
नई दिल्ली। भारत में व्यापार के बढ़ते अवसरों को ध्यान में रखकर कतर के शाही परिवार ने अगले कुछ वर्षों में यहां एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की इच्छा जताई है। प्रिंस आफ कतर शेख डॉ. हम्माद बिन निशार एए अल थानी ने अपने भारतीय पार्टनर मितेश शर्मा के साथ आंध्र प्रदेश में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का अनुबंध किया है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है।
प्रिंस डॉ. हम्माद और मितेश शर्मा ने पिछले दिनों आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू और वहां के अधिकारियों से मुलाकात की। उनकी मुलाकात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी वहां निवेश के अवसरों को लेकर हुई है। अगले साल के शुरुआती माह में डॉ. हम्माद भारत में पहले के. स्टोन समारोह का आयोजन करेंगे। जो कि फरवरी-मार्च 2015 में होने की संभावना है। शेख हम्माद भारत के कई अन्य प्रदेशों में भी स्मार्ट सिटी बनाने के साथ ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ढांचागत विकास, स्वास्थ्य सेवाओं तथा शिक्षा के क्षेत्र में भी निवेश करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की संकल्पना को ध्यान में रखकर डॉ. हम्माद भारत में जरूरी निवेश करना चाहते हैं। भारत में स्मार्ट शहरों के निर्माण तथा निवेश की संभावनाओं का तलाशने के साथ कतर में विभिन्न परियोजनाओं की जिम्मेदारी डॉ. हम्माद के भारत में पार्टनर मितेश शर्मा के पास है। प्रिंस आफ कतर ने उत्तर प्रदेश में 12 हजार करोड़ तथा आंध्र प्रदेश में 60 हजार करोड़ रुपए विभिन्न सेक्टरों में निवेश करने का फैसला किया है। जबकि 38 हजार करोड़ रुपए का निदेश ऊर्जा एवं प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में किया जाएगा। अल-नेट्रोन ट्रेडिंग एवं कांट्रेक्टिंग के लिए डॉ. हम्माद और मितेश शर्मा ने आंध्र सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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