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भारत, स्पेन आतंकवाद रोधी लड़ाई में सहयोग पर सहमत

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मैड्रिड, 31 मई (आईएएनएस)| भारत तथा स्पेन ने बुधवार को आतंकवाद को अंतर्राष्ट्रीय शांति तथा स्थिरता के लिए गंभीर खतरा करार दिया और इसके खिलाफ लड़ाई में सहयोग पर सहमति जताई। दोनों देशों ने यूरोपीय संघ-भार ब्रॉड-बेस्ड ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट (बीआईटीए) के लिए वार्ता पुन: शुरू करने की जरूरत बताई।

ला मोनक्लोआ में स्पेन के अपने समकक्ष मारियानो राजोय के साथ वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाददाताओं से कहा, भारत तथा स्पेन दोनों देशों ने आतंकवाद का दंश झेला है। ला मोनक्लोआ स्पेन के प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास है।

मोदी ने कहा, आज की तारीख में आतंकवाद तथा अतिवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे बीच सहयोग को मजबूत करना हमारे द्विपक्षीय एजेंडे का मूल तत्व है।

दोनों नेताओं के बीच वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति व स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और आतंकवाद के सभी रूपों व अभिव्यक्तियों से निपटने की प्रतिबद्धता जताई।

बयान के मुताबिक, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और आतंकवाद के किसी भी कृत्य को किसी भी तरीके से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।

बयान में कहा गया है, हम इस बात को दोहराते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के ठोस सहयोग की जरूरत है और हम सभी राष्ट्रों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1373 को लागू करने की मांग करेंगे।

बयान के मुताबिक, मोदी तथा राजोय ने नियमित द्विपक्षीय वार्ता तथा सहयोग के माध्यम से आतंकवाद से निपटने को लेकर सहयोग को दृढ़ करने के लिए कड़ी प्रतिबद्धता जताई।

दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद से निपटने में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण को खत्म करने का आह्वान किया और इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारत द्वारा शुरू किए गए कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म को अंतिम रूप देने तथा उसे स्वीकार करने की संयुक्त मांग की।

मोदी तथा राजोय ने यूरोपीय संघ-भारत के संबंधों की महत्ता तथा मौजूदा यूरोपीय संघ-भारत वार्ता को गहरा करने की जरूरत को रेखांकित किया।

बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने मार्च 2016 में आयोजित 2016 ईयू-भारत सम्मिट के सकारात्मक नतीजों को स्वीकार किया।

बीआईटीए 16 दौर की वार्ता के बाद भी बीते 11 वर्षो से लटका हुआ है। साल 2012 में यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों ने यूरोपीय आयोग को निवेश संरक्षण समझौते की जिम्मेदारी सौंपी है।

वहीं, राजोय ने भारत के तेज आर्थिक विकास, भारत सरकार द्वारा व्यापार करने के लिए विभिन्न उपाय व सहूलियत प्रदान करने तथा विनिर्माण बढ़ोतरी को बढ़ावा देने के लिए मोदी को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने स्पेन के व्यापार व उद्योग जगत के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ गोलमेज वार्ता की और भारत की महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं में हिस्सा लेने का आमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैलेसियो डी ला जारजुएला में स्पेन के राजा फिलिप छठे से मुलाकात की।

यूरोप के चार देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव में मोदी मंगलवार को जर्मनी से स्पेन पहुंचे। इसके बाद वह रूस तथा फ्रांस के दौरे पर जाएंगे।

लगभग 30 वर्षो के दौरान भारत के प्रधानमंत्री का यह पहला स्पेन दौरा है। इससे पहले राजीव गांधी ने सन् 1988 में स्पेन की यात्रा की थी।

मोदी तथा राजोय ने इससे पहले नवंबर 2015 में तुर्की में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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