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भारी पड़ी लालू को महारैली, आईटी विभाग ने नोटिस जारी कर खर्चे का माँगा ब्यौरा

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राजनीति की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले नेता-राजनेता अक्सर बड़े-बड़े वादे करते है । कभी वह खुद को जनता के बीच एक आम आदमी की तरह दिखाने की कोशिश करते है तो कभी आम आदमियों को अपनी तरह बनाने के सपने दिखाते है, पर सच तो यह है कि एक आम आदमी बनने का दिखावा करके वे बस अपने राज्न्नेतिक हित को पूरा करते है ।

वे कहते है कि वह फालतू का खर्चा नहीं करते बल्कि उस पैसे को समाज हित के कार्य में लगाते है लेकिन वो अपने प्रचार-प्रसार के लिए सारे वादों को भूल जाते है और अपना सारा पैसा अपने निजी हित के कार्यों में खर्च कर देते है ।

दरअसल, हम बात कर रहे है आज आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की महारैली की । जिसे देख हम ये कह सकते है कि असल में इन नेताओं की हकीकत क्या है ।

पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित लालू प्रसाद यादव की विशाल रैली में अनाप-सनाप खर्च को लेकर आयकर ने शिकंज कसना शुरू कर दिया है । इसको लेकर आयकर विभाग (IT) ने RJD को नोटिस जारी किया है और इस विशाल रैली में खर्च को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है ।

आयकर विभाग ने आरजेडी को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिरी रविवार को रैली के लिए पैसा कहां से जुटाया गया ।

दरअसल, रविवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘देश बचाओ, बीजेपी भगाओ’ रैली आयोजित की थी । रैली में लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा था ।

इस रैली में लालू और उनके परिवार के अलावा शरद यादव, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, गुलाम नबी आजाद, सीपीआई नेता डी राजा, कांग्रेस के हनुमंत राव, डीएमके के एलांगोवन, एनसीपी के तारिक अनवर मंच पर मौजूद थे ।

रैली में हिस्सा लेने के लिए आरजेडी के जो भी समर्थक पटना पहुंचे थे, उनके रहने और खाने पीने का इंतजाम पार्टी के 80 विधायक, सात पार्षद और तीन सांसदों के जिम्मे था ।

कार्यकर्ताओं के रहने के लिए बड़े-बड़े शामियाने लगाए गए थे । भोजन की पूरी व्यवस्था की गई थी । मालूम हो कि रविवार को महारैली का आयोजन करने को लेकर आयकर विभाग ने एक बार फिर से लालू के परिवार वालों पर शिकंजा कसा है ।

इससे पहले मंगलवार को आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की संयुक्त टीम ने लालू के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से घंटों बेनामी संपत्ति के मामले में पूछताछ की थी ।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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