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खेल-कूद

भुवी प्लेअर ऑफ द इअर, वेंगी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

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मुम्बई| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को 2013-14 सत्र का श्रेष्ठ भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी चुना है। मुम्बई में 21 नवम्बर को होने वाले बीसीसीआई के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में भुवनेश्वर को सम्मानित किया जाएगा। इसी दिन पूर्व टेस्ट कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रमुख है। इस साल यह पुरस्कार दिया जाएगा। अपने साथियों के बीच भुवी नाम से मशहूर भुवनेश्वर ने अक्टूबर, 2013 से सितम्बर 2014 तक के क्वालीफाईंग टाइम में सात टेस्ट मैचों में 263 रन बनाने के अलावा कुल 22 विकेट हासिल किए हैं। इस दौरान भुवनेश्वर ने कुल 22 एकदिवसीय मैचों में 17 विकेट हासिल किए। इसके लिए भुवनेश्वर को पॉली उमरीगर ट्रॉफी प्रदान की जाएगी।

बीसीसीआई ने परवेज रसूल को रणजी ट्रॉफी का श्रेष्ठ हरफनमौला खिलाड़ी चुना है। इसके लिए रसूल को लाला अमरनाथ अवार्ड दिया जाएगा। इस वर्ग में श्रेष्ठ एकदिवसीय हरफनमौला खिलाड़ी विनय कुमार को चुना गया। केदार जाधव को रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने के लिए माधवराव सिंधिया अवार्ड दिया जाएगा जबकि इसी वर्ग में सीमित ओवर क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले ऋषि धवन को भी यह पुरस्कार दिया जाएगा।

महिला वर्ग की बात करें तो 18 साल की स्मृति मंधाना को साल का श्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुना गया। अगस्त में स्मृति ने इंग्लैंड के साथ हुए टेस्ट मैच में शानदार अर्धशतक लगाकर टीम की जीत में अहम भूमिका अदा की थी। सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के तहत प्रमाणपत्र, ट्रॉफी और 25 लाख रुपये का चेक प्रदान किया जाता है।
बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव, सचिव संजय पटेल और सीनियर पत्रकार शेखर गुप्ता की सदस्यता वाली समिति ने इस पुरस्कार के लिए वेंगसकर का चयन किया है।

पूर्व कप्तान कपिल देव को 2013 में यह पुरस्कार दिया गया था। अपने साथियों और प्रशंसकों के बीच वेंगी और कर्नल नाम से मशहूर वेंगसरकर को भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। 58 साल के वेंगसरकर ने ऑकलैंड में 1975 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। वेंगसरकर पहले ऐसे गैर अंगरेज बल्लेबाज हैं, जिन्होंने लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान पर तीन शतक लगाए हैं। साथ ही वह देश के लिए 100 या उससे अधिक टेस्ट खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी बने थे।

वेंगसरकर 1983 में आईसीसी विश्व कप खिताब जीतने वाली टीम का सदस्य थे। यही नहीं, वह 1985 में विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाली टीम का भी सदस्य थे। वह 1986 में विश्व के सर्वोच्च वरीय बल्लेबाज रहे हैं। वर्ष 1987 में वेंगसरकर ने कपिल से टीम की कप्तानी हासिल की और 10 मैचों में टीम का नेतृत्व किया। उनकी देखरेख में टीम ने पांच टेस्ट हारे और दो ही जीत सकी। 1992 में वेंगसरकर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इसके बाद वह क्रिकेट प्रशासक और चयनकर्ता के तौर पर सक्रिय रहे।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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