नेशनल
भूमि अधिग्रहण कानून : सामाजिक संगठनों मे लामबंदी की कवायद
संदीप पौराणिक
भोपाल। केंद्र सरकार की ओर से भूमि अधिग्रहण विधेयक को हर हाल में पारित कराने के लिए चल रही कोशिशों के बीच सामाजिक संगठन लामबंद होने लगे हैं, और वे सरकार के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर में उतरकर ऐसा आंदोलन करना चाहते हैं, जिससे सरकार को अपनी गलती का अहसास हो जाए। फिलहाल आंदोलन की तारीख तय नहीं हुई है।
केंद्र सरकार वर्ष 2013 में बने भूमि अधिग्रहण विधेयक को बदलकर नया कानून लाना चाहती है, इसके लिए वह दो बार अध्यादेश ला चुकी है, अब वह नए विधेयक को पारित कराने की बात पर अड़ी हुई है। देश के विभिन्न स्थानों से उठ रहे विरोध के स्वर पर सरकार लगातार सवाल उठा रही है। इतना ही नहीं सरकार की ओर से प्रचारित किया जा रहा है कि जो कानून का विरोध कर रहे हैं वे किसान विरोधी हैं।
केंद्र सरकार कानून विरोधी विपक्षी दलों पर तो निशाना साध ही रही है, साथ में उसने अपरोक्ष रूप से सामाजिक संगठनों को भी नहीं बख्शा है। सरकार दावा कर रही है कि किसानों को जमीन का चार गुना दाम मिलेगा, उनके बच्चों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा। सरकार के इन दावों और अपने पर हो रहे हमलों से सामाजिक संगठन विचलित हैं और उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एकता परिषद के संस्थापक गांधीवादी पी. वी. राजगोपाल ने राज्य सरकार की जमीन संबंधी नीतियों के खिलाफ चार दिवसीय उपवास और धरना दिया। इस धरना को समर्थन देने विभिन्न सामाजिक आंदोलनों से जुड़े लोग पहुंचे। राजगोपाल के साथ जलपुरुष राजेंद्र सिंह, भारतीय किसान संघ के शिवकुमार शर्मा, जल-जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह की हुई बैठक में आगामी आंदोलन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।
इस बैठक में सभी का एक ही मत था कि सरकार लगातार यह प्रचारित कर रही है कि नया कानून किसान हित में है, मगर हकीकत किसी को नहीं बताई जा रही है, क्योंकि यह गरीब और किसान से जमीन छीनने का हथियार बनने वाला है। सरकार कहती है कि किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिलेगा, चार गुना दिया जाएगा, मगर चार गुना कितना होगा यह किसी को नहीं पता।
राजेंद्र सिंह ने बैठक में कहा कि सरकार संचार व प्रचार तंत्र का उपयोग का आमजन के बीच यह संदेश देने में जुटी है कि नया कानून किसान हित में है। साथ ही इस कानून के खिलाफ आवाज उठाने वालों को किसान विरोधी प्रचारित किया जा रहा है, ऐसे में जरूरी हो गया है कि जन-जन तक यह बात पहुंचाई जाए कि सरकार उद्योगपतियों के लिए यह कानून ला रही है, क्योंकि कानून की सच्चाई यही है।
राजगोपाल ने कहा कि हमें एकजुट होकर अपनी पहचान को किनारे रखकर आगे आना होगा। इसके लिए दिल्ली में सभी लोग जुटें और ऐसा आंदोलन करें जो सरकार को इस बात का अहसास करा दें कि उसने इस कानून के जरिए अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है। वहीं कानून की खामियों को जनता से अवगत कराने में पीछे नहीं रहे। सामाजिक आंदोलनों से जुड़े लोगों ने पिछले दिनों वर्धा में एक बैठक कर अन्ना हजारे की अगुवाई में पदयात्रा निकालने की कोशिश की थी मगर वे असफल रहे थे, अन्ना पदयात्रा निकालने को राजी नहीं हुए। अब सामाजिक आंदोलन से जुड़े लोग ऐसा कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहते जिससे वे अपने रास्ते पर आगे न बढ़ सकें, इसीलिए सब मिलकर इस बात पर मंथन कर रहे है कि दिल्ली में प्रस्तावित आंदोलन का रूप क्या हो और किस तारीख को दिल्ली पहुंचा जाए।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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