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प्रादेशिक

भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन करेगी बसपा : मायावती

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Mayawati

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण व बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान को लेकर बसपा 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में और दो मई को पूरे देश में आंदोलन करेगी।

राजधानी लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में मायावती ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर केंद्र सरकार किसान विरोधी व तानाशाही रवैया अपना रही है, जिसके खिलाफ बसपा ने सड़क पर उतरने का फैसला किया है। मायावती ने कहा, “भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 27 अप्रैल को 11 बजे उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर पार्टी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन में मुख्यतौर पर तीन मुद्दों को शामिल किया गया है। इस दौरान केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक में किसानों के हितों की अनदेखी, बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान और इसके साथ ही प्रदेश में लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अलावा बसपा के जनाधार वाले अन्य राज्यों में भी भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन के दौरान खुद के सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन में शामिल होने के सवाल पर मायावती ने साफ तौर पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बसपा सुप्रीमो ने केवल इतना ही कहा कि कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे और जोरदार विरोध दर्ज कराएंगे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अध्यादेश के जरिए जो विधेयक केंद्र सरकार लेकर आ रही है वह पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है।

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यव्यापी और देशव्यापी आंदोलन को सफल बनाने के उद्देश्य से ही बुधवार को पार्टी कार्यालय में प्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा 16 अप्रैल को पार्टी से जुड़े अन्य राज्यों के पदाधिकारियों की भी बैठक होगी जिसमें उन राज्यों में होने वाले आंदोलन का खाका तैयार किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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