ऑफ़बीट
भूल से भी भूलकर न उठाएं इस नंबर से आने वाली कॉल, होगी मौत
नई दिल्ली। कहते है ‘मरने से पहले अगर किसी इंसान की आखिरी इच्छा पूरी न हो पाए तो उसकी आत्मा को शान्ति नहीं मिल पाती और दर- बदर इसी संसार में घूमती रह जाती है।
बहुत से ऐसे लोग है जो आज भी भूत-प्रेत जैसी बातों पर यकीन नहीं करते तो वहीँ कुछ लोग ऐसे भी है जिनका मानना है कि, ‘अगर इस दुनिया में भगवान है, तो भूत-प्रेत भी है।
जी हाँ अगर आपको भी भूत-प्रेत और आत्मा जैसी बातों पर विश्वास नहीं है, तो आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आए है। जिसे सुनकर आपको भी इन सब बातों पर पूरा न सही थोड़ा-बहुत तो यकीन हो ही जाएगा।
दरअसल, आज हम आपको एक ऐसा नंबर बताएगें जिसकी कॉल लोगों के लिए मौत का पैगाम लेकर आती है ये नंबर है 0888888888
बुल्गारिया के इस नंबर को अब तक तीन लोग खरीद चुके है। जिनकी मौत हो गई है। क्यों चौंक गए न आप!
सबसे पहले इस नंबर को मोबीटेल कंपनी के सीईओ ने खरीदा था। कंपनी के सीईओ व्लादमीर गेसनोव ने 0888888888 सबसे पहले खुद के लिए इश्यू करवाया था।
इसके बाद वर्ष 2001 में व्लादमीर की मौत कैंसर के कारण हो गई। ऐसा माना जाता है कि कैंसर से मौत होने की अफवाह उनके दुश्मनों ने फैलाई थी, जबकि मौत की असली वजह कुछ और ही थी।
व्लादमीर के बाद इस नंबर को डिमेत्रोव नाम के एक ड्रग डीलर ने ले लिया। ये नंबर लेने के बाद डिमेत्रोव को वर्ष 2003 में एक अनजान आदमी ने मार दिया। डिमेत्रोव को रशियन माफिया ने मार गिराया था।
वहीँ कुछ लोग इस मौत के पीछे की वजह ये भूतिया नंबर भी बताते है।
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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.
लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.
महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’
राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”
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