प्रादेशिक
मंत्री का विभाग बदलते ही जेल अफसरों के चेहरे खिले
पूर्व जेल मंत्री के निजी सचिव की उगाही से त्रस्त थे अफसर
राकेश यादव
लखनऊ। कैबिनेट मंत्री बलराम यादव से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कारागार विभाग छीनकर उन्हें माध्यमिक शिक्षा का विभाग सौंपा। यादव के स्थान पर पंजाब से आये नये कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया प्रदेश का नया कारागार मंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री के इस कथन से पूर्व कारागार मंत्री के निजी सचिव की अवैध वसूली से त्रस्त जेल अफसरों के चेहरे खिल गये है। पूर्व मंत्री के कार्यकाल में तबादलों से लेकर निलंबन तक के लिए अफसरों से जमकर वसूली की गयी इससे अफसरों में खासी नाराजगी दिखने को मिल रही थी।
बुधवार की शाम प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीती 31 अक्टूबर को मंत्रिमण्डल का विस्तार किया था। इस विस्तार में मुख्यमंत्री ने पंजाब के वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह रामूवालिया को अपनी कैबिनेट में स्थान दिया था। मंत्रिमण्डल के विस्तार होने बाद चौथे दिन मुख्यमंत्री ने नये मंत्रियों समेत विभाग छीने गये मंत्रियों के मंत्रियों को नये सिरे से विभागों का आवंटन किया गया। इसमें सपा के वरिष्ठ नेता बलराम यादव से कारागार विभाग वापस लेकर उन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया। कारागार विभाग की जिम्मेदारी नये कैबिनेट पंजाब से आये बलवंत सिंह रामूवालिया को सौंपी गयी।
युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस परिर्वतन से प्रदेश की जेलों पर तैनात जेल अफसरों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। अफसरों की माने तो कि पूर्व कारागार मंत्री के कार्यकाल में उनके निजी सचिव द्वारा जेल अफसरों का जमकर शोषण किया गया। स्थानान्तरण सत्र के दौरान अफसरों से नये जनपदों के तैनाती के लिए मनमाफिक उगाही की गयी। इस उगाही से जेल अफसरों में खासा आक्रोश व्याप्त था। मामला विभागीय मंत्री से जुड़ा होने के कारण शोषण होने के वाजूद इस गम्भीर मसले पर चुप्पी साधे हुये थे। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कई करीबी जेल अफसरों ने इसकी शिकायत नेताओं के जरीये मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का प्रयास किया था। अटकलें लगायी जा रही है कि इन्हीं शिकायतों के चलते सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कारागार मंत्री का विभाग बदला गया है। उधर जब नवनियुक्त कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया से सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो पता चला कि राज्य भवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गये है।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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