आध्यात्म
मकर संक्रांत के दिन जरुर करें ये 3 काम, मिट जाएंगे सारे पाप
नई दिल्ली। कल यानी की राविवार को मकर संक्राति है, इसीलिए सभी घरों में आज ही से इस पर्व को मनाने की तैयारियां की जा रही है, लेकिन चूंकि यह पर्व जितना पवित्र होता है। उससे कहीं ज्यादा आस्था और उल्लास का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में आप से कोई चूक न हो इसीलिए आज हम आपको मकर संक्रांति से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारियां देने जा रहे हैं।
दो दिन मनेगी मकर संक्रांति-
इस बार मकर संक्रांति दो दिन मनेगी। जहां एक ओर 14 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश रात 8 बजकर 10 मिनट पर होगा तो वहीँ इसका पुण्यकाल अगले दिन दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इस कारण अधिकतर लोग 15 जनवरी को भी स्नान-दान के साथ इस पर्व को मनाएंगे।
सर्वार्थ सिद्धि और ब्रह्म मुहूर्त में बनेगा योग-
इस दिन सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही ये पर्व पूर्व सर्वार्थ सिद्धि और ब्रह्म मुहूर्त में मनेगा, जोंकि पंडितों द्वारा भी शुभ व मंगलकारी योग माने गए हैं। कुछ पंचांगों में सूर्य के राशि परिवर्तन का समय 14 को दोपहर 2.04 मिनट पर होना बताया गया है।
जरुर करें ये तीन काम-
मकर संक्रांत के दिन पवित्र नदियों में स्नान, देव दर्शन व तिल-गुड़, खिचड़ी व वस्त्र दान करना शुभ फलदायी रहेगा। 15 को सूर्योदय के समय पुण्यकाल रहने से इसकी शुभता शाम सूर्यास्त होने तक रहेगी। इस दिन लोगों के द्वारा स्नान-दान करना बहुत ही माना गया है।
खरमास होगा समाप्त-
सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। पंडितों के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर ही हर वर्ष यह पर्व मनाया जाता है। पर्व की तिथि व पुण्यकाल का निर्धारण भी उसके राशि परिवर्तन के समय को ध्यान में रखकर किया जाता है। इस पर्व की तिथि में परिवर्तन हर दो वर्ष में होता दिखाई देता है। इसका कारण सूर्य लीप ईयर वर्ष आने के कारण सूर्य व पृथ्वी की गति में बदलाव आना होता है।
इसीलिए मनाई जाती है मकर संक्रांति-
सूर्यदेव जब धनु राशि से मकर पर पहुंचते हैं तो मकर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है। उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है। मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। यही नहीं कई जगहों पर तो मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए खिचड़ी दान करने का भी विधान है। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद भी बांटा जाता है। कई जगहोंं पर पतंगें उड़ाने की भी परंपरा है।
आध्यात्म
महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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