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प्रादेशिक

मिजोरम में आतंकी हमला, 3 पुलिसकर्मी शहीद

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आईजोल। मिजोरम में शनिवार को ‘हमार पीपुल्स कनवेंशन-डेमोक्रेसी (एचपीसी-डी)’ के आतंकवादियों ने एक पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के नेतृत्व में पुलिस पार्टी आईजोल जिले के जोखाथियांग गांव में विधायकों के एक दल की पहरेदारी कर रही थी। एसडीपीओ जोरजोलियाना को पेट में गोली लगने के बाद आपात चिकित्सा के लिए विमान से उन्हें आईजोल भेज दिया गया। अन्य घायल पुलिसकर्मियों का इलाज निकट के सरकारी अस्पताल में चल रहा है।

पुलिस उप महानिरीक्षक (उत्तरी रेंज) एल.टी.हरांगचल ने कहा, “एचपीसी-डी के आतंकवादियों ने पुलिस पार्टी पर पहाड़ी की एक चोटी पर से हमला किया, जिससे तीन पुलिसकर्मी घटनास्थल पर ही मारे गए। हमले में एसडीपीओ सहित दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकवादी भागने में कामयाब रहे।” उन्होंने कहा कि एक महिला विधायक सहित तीन विधायक और उनके साथ अन्य अधिकारी सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

यह आतंकवादी हमला तुईरुआंग नदी के निकट जोखाथियांग गांव में हुआ। यह नदी तीन राज्यों मिजोरम, मणिपुर व असम को अलग करता है। सुरक्षाबलों के साथ आईजोल के पुलिस प्रमुख सी.लालदिना घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। सरकारी आश्वासनों पर मिजोरम एसेंबली कमेटी के अध्यक्ष आर.एल.पियानमाविया की अध्यक्षता में तीन विधायक तथा अधिकारी इस पहाड़ी इलाके के आधिकारिक दौरे पर थे, जहां हमला हुआ।

दौरे पर पहुंचे अन्य विधायकों में लालथनलियाना तथा वनलालावमपुई चांगथू (महिला विधायक) थीं। इस घटना के बाद मिजोरम के गृह मंत्री आर.लालाजिरलियाना ने एक आपात बैठक बुलाई और स्थिति की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि मणिपुर का आतंकवादी संगठन एचपीसी-डी मणिपुर तथा मिजोरम में हमार जनजातियों को और अधिक राजनीतिक स्वयत्तता देने की मांग कर रहा है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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