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मणिपुर में भड़की हिंसा, 3 की मौत, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया

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इंफाल। मणिपुर विधानसभा में पारित तीन विधेयकों के विरोध में राज्य में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मणिपुर के चूड़चंदपुर में सोमवार रात हिंसा भड़कने के बाद कानून एवं व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए यहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

दरअसल, चूड़चंदपुर जिले में बड़ी संख्या में कूकी जनजाति के लोग रहते हैं। सरकार की ओर से सोमवार को पास किए गए बिल में 1951 से पहले राज्य में बसे लोगों को ही एक तरह से मूल निवासी माना है और कूकी जनजाति के लोग 1951 के बाद राज्य में बसे हैं, जिसके चलते वो इस बिल का विरोध कर रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि हिंसक भीड़ में जनजातीय छात्र संगठन के सदस्य भी शामिल थे, जो मणिपुर सरकार द्वारा पारित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों का विरोध कर रहे थे। इन विधेयकों में मणिपुर जन संरक्षण विधेयक 2015, मणिपुर भू-राजस्व एवं भूमि सुधार (सातवां संशोधन) विधेयक, 2015 और मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2015 शामिल हैं। ये तीनों विधेयक सोमवार को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए।

इससे पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 25 अगस्त को इनर लाइन परमिट सिस्टम (जेसीआईएलपीएस) के लिए संयुक्त समिति के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ताकि इन तीन कानूनों से राज्य के मूल निवासियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इन तीन विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ ने पांच विधायकों के आवासों पर धावा बोला और उनमें आग लगा दी। भीड़ ने चूड़चंदपुर के उपायुक्त लुनमिंथांग होआकिप के वाहन में भी आग लगा दी और आग बुझाने आए दमकल के वाहनों को रोक दिया। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि, उग्र भीड़ के हमले के वक्त विधायक अपने आवास पर नहीं थे। सभी विधायक विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए राजधानी इंफाल में थे। मणिपुर के जनजातीय समूह राज्य विधानसभा में पारित तीन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन विधेयकों से मणिपुर हिल पीपुल एडमिनिशट्रेशन रेग्युलेशन अधिनियम, 1947 के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का हनन होता है, जो मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में बसने वाले जनजातीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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