Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

मणिपुर में भड़की हिंसा, 3 की मौत, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया

Published

on

Loading

इंफाल। मणिपुर विधानसभा में पारित तीन विधेयकों के विरोध में राज्य में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मणिपुर के चूड़चंदपुर में सोमवार रात हिंसा भड़कने के बाद कानून एवं व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए यहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

दरअसल, चूड़चंदपुर जिले में बड़ी संख्या में कूकी जनजाति के लोग रहते हैं। सरकार की ओर से सोमवार को पास किए गए बिल में 1951 से पहले राज्य में बसे लोगों को ही एक तरह से मूल निवासी माना है और कूकी जनजाति के लोग 1951 के बाद राज्य में बसे हैं, जिसके चलते वो इस बिल का विरोध कर रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि हिंसक भीड़ में जनजातीय छात्र संगठन के सदस्य भी शामिल थे, जो मणिपुर सरकार द्वारा पारित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों का विरोध कर रहे थे। इन विधेयकों में मणिपुर जन संरक्षण विधेयक 2015, मणिपुर भू-राजस्व एवं भूमि सुधार (सातवां संशोधन) विधेयक, 2015 और मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2015 शामिल हैं। ये तीनों विधेयक सोमवार को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए।

इससे पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 25 अगस्त को इनर लाइन परमिट सिस्टम (जेसीआईएलपीएस) के लिए संयुक्त समिति के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ताकि इन तीन कानूनों से राज्य के मूल निवासियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इन तीन विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ ने पांच विधायकों के आवासों पर धावा बोला और उनमें आग लगा दी। भीड़ ने चूड़चंदपुर के उपायुक्त लुनमिंथांग होआकिप के वाहन में भी आग लगा दी और आग बुझाने आए दमकल के वाहनों को रोक दिया। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि, उग्र भीड़ के हमले के वक्त विधायक अपने आवास पर नहीं थे। सभी विधायक विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए राजधानी इंफाल में थे। मणिपुर के जनजातीय समूह राज्य विधानसभा में पारित तीन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन विधेयकों से मणिपुर हिल पीपुल एडमिनिशट्रेशन रेग्युलेशन अधिनियम, 1947 के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का हनन होता है, जो मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में बसने वाले जनजातीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending