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मध्य प्रदेश के मंदसौर में कर्फ्यू जारी, डीएम-एसपी को पीटा, कई जिलों में बंद का असर

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मंदसौर/भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के उद्देश्य से की गई गोलीबारी में छह लोगों की मौत के बाद शहर व पिपलिया मंडी में लगाया गया कर्फ्यू बुधवार को भी जारी है। वहीं किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। भीड़ ने प्रदर्शनकारियों का समझाने पहुंचे जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह की पिटाई कर दी और पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी के साथ भी बदसलूकी की।

गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों और किसानों ने बरखेड़ा पंत पर चक्का जाम कर दिया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ और कांग्रेस ने भी आज (बुधवार) बंद का आह्वान किया है, जिसके चलते कई स्थानों पर बंद का असर भी दिख रहा है।

जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह व पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और चक्काजाम कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश की, मगर भीड़ ने उन्हें घेर लिया। हालात बिगड़ते देख दोनों अफसरों ने वहां से निकलने की कोशिश की। वे भीड़ के बीच से भाग रहे थे तभी पीछे से लोगों ने जिलाधिकारी के सिर पर थप्पड़ जड़ दिए। वहीं पुलिस अधीक्षक से भी बदसलूकी की गई। दोनों अधिकारी किसी तरह सुरक्षित बच निकलने में सफल हुए।

ज्ञात हो कि राज्य में फसल के उचित दाम और कर्ज माफी को लेकर किसान एक जून से हड़ताल पर हैं। 10 जून तक चलने वाली हड़ताल के छठे दिन मंगलवार को किसान पिपलिया मंडी में सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस से उनकी झड़प हो गई और पुलिस तथा सीआरपीएफ के जवानों ने गोली चला दी, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई तथा सात लोग घायल हुए।

किसानों की मौत के बाद आंदोलन ने और उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को 30 से ज्यादा वाहन फूंक डाले। उसके बाद मंदसौर व पिपलिया मंडी में कर्फ्यू लगा दिया गया। बुधवार को भी कर्फ्यू जारी है, लेकिन किसान ने भी विरोध-प्रदर्शन जारी रखा है। बरखेड़ा पंत गांव से गुजरने वाले मार्ग पर किसानों ने चक्काजाम कर दिया है, आवागमन बंद है। परिजनों की मांग है कि मृतक किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए। प्रदर्शनकारी गोलीबारी में मारे गए छात्र अभिषेक पाटीदार के शव को सडक़ पर रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

चक्काजाम में शामिल दिनेश पाटीदार का कहना है कि, पुलिस ने जानबूझकर गोली चलाई। किसान अपनी मांगों को लेकर सडक़ पर थे और पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की। बुधवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

शव के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समझाने पर जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह व पुलिस अधीक्षक ओ पी त्रिपाठी पहुंचे तो किसानों ने उनका घेराव कर दिया और धक्कामुक्की भी की। स्थिति बिगडऩे पर त्वरित कार्य बल व भारी पुलिस बल को बुलाया गया, तब कहीं दोनों अधिकारी सुरक्षित निकल पाए। एक तरफ किसानों का जमावड़ा है तो दूसरी ओर पुलिस बल तैनात है।

वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने किसानों की मौत पर बुधवार को प्रदेश बंद का आह्वान किया है। इस बंद का कांग्रेस ने भी समर्थन किया। इस बंद का कई स्थानों पर असर भी नजर आ रहा है।

इंदौर में किसान आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। पुलिस उप महानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान माना कि आमजनों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसलिए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात है।

इसी तरह उज्जैन, झाबुआ, भोपाल में बंद का मिलाजुला असर नजर आ रहा है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर स्थान पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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