Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मप्र : नवरात्र पर देवी मंदिरों में उमड़ी भीड़

Published

on

Loading

भोपाल| नवरात्र की मंगलवार से शुरुआत हो गई है। इस मौके पर मध्य प्रदेश के विभिन्न देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ है। जगह-जगह देवी प्रतिमाओं की स्थापना का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल रामनरेश यादव ने प्रदेशवासियों को नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी है। नवरात्र के पहले दिन मंगलवार सुबह से ही राजधानी भोपाल सहित अन्य स्थानों पर हर तरफ देवी गीत और जयकारों की गूंज सुनाई देने लगी। देवी मंदिरों में श्रद्घालुओं ने विशेष पूजा-अर्चना कर अनुष्ठान की शुरुआत की।

दतिया की पीताम्बरा पीठ पर सुबह से ही श्रद्घालुओं का मेला-सा लग गया और पूरा परिसर जयकारों से गूंजता रहा। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे श्रद्घालुओं ने बगुलामुखी और धूमावती माई के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। इसी तरह मैहर की शारदा देवी मंदिर में श्रद्घालुओं ने नारियल-चुनरी चढ़ाकर मनोकामना पूरी करने की कामना की। रेलवे प्रशासन ने यहां पहुंच रहे श्रद्घालुओं की सुविधा के लिए कई गाड़ियों का नवरात्र के दौरान अस्थाई ठहराव घोषित किया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदि शक्ति की आराधना के महापर्व नवरात्रि शुरू होने पर श्रद्घालुओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा नवरात्रि का आध्यात्मिक पर्व तन-मन को शुद्घ करने का पर्व है। आदि शक्ति का आह्वान कल्याणकारी होता है। उन्होंने प्रदेश के विकास और नागरिकों की सुख-समृद्घि की प्रार्थना की है। इसी तरह राज्यपाल राम नरेश यादव ने नवरात्रि पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल यादव ने अपने संदेश में कहा है कि नवरात्रि का त्योहार असत्य बुराई और आसुरी शक्तियों से संघर्ष करने की शक्ति प्राप्त करने का पर्व है। यह पर्व मां दुर्गा के रूप में नारी के विभिन्न रूपों के दर्शन से नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा देता है।

राज्यपाल यादव ने नौ दिन चलने वाले इस पर्व को शांति, एकता, पारम्परिक सद्भाव और सौहार्द्र के वातावरण में मनाने की अपील की है राज्य के ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने नवरात्रि के पावन-पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन पर्व भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने और असत्य पर सत्य की विजय की शिक्षा देता है।

 

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

Published

on

By

Loading

नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

Continue Reading

Trending