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प्रादेशिक

मप्र : भविष्य निधि घोटाला, 4 कर्मचारियों सहित 21 को सजा

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भोपाल| मध्य प्रदेश में हुए भविष्य निधि घोटाले में भविष्य निधि कार्यालय के चार कर्मचारियों और अधिकारियों सहित 21 लोगों को केद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई ) की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है। इन सभी पर कैद और अर्थदंड भी लगाया गया है। सीबीआई के अधिवक्ता कमालुद्दीन ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि राज्य में 2001 से 2003 के बीच 76 लाख का भविष्य निधि घोटाला हुआ था। फर्जी तरीके से भविष्य निधि निकालने के मामले की जांच सीबाआई ने की। इस मामले की सुनवाई करने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत भोपाल के न्यायाधीश मनेाज श्रीवास्तव ने गुरुवार को फैसला सुनाया।

कमालुद्दीन ने कहा कि भविष्य निधि कार्यालय के चार कर्मचारियों ने 26 लोगों के खातों में 76 लाख रुपये जमा किए थे, इनमें से 17 वे खाते थे, जिनकी क्षतिपूर्ति (क्लेम) का निपटारा हो चुका था। इस घोटाले का मुख्य आरोपी भविष्य निधि कार्यालय का कर्मचारी गजेंद्र सिंह है। आरोपियों पर कुल 83 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

इस फैसले में भविष्य निधि कार्यालय के चार कर्मचारियों को कैद व जुर्माना की सजा सुनाई गई है। गजेंद्र सिंह को सात साल की सजा सुनाने के साथ 66 लाख का जुर्माना भी लगाया है। इसी तरह इसी कार्यालय के सहायक आयुक्त डी. के. चांदने व सी. टी. जोसफ कुट्टी को पांच-पांच साल की सजा और ढाई-ढाई लाख का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा प्रताप सिंह पर सात लाख का जुर्माना व पांच साल की सजा सुनाई है।

न्यायाधीश श्रीवास्तव ने 17 अन्य आरोपियों को पर 20-20 हजार का जुर्माना लगाया गया है जबकि तीन-तीन साल की कैद काटनी होगी। इस मामले के आरोपी भापू भाई को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

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IANS News

छत्तीसगढ़ में शुरू होगी ‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’, छात्रों को मिलेंगी ये सुविधाएं

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में ‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’ शुरू करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर में ‘गुड गवर्नेंस’ विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राज्य में ‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’ शुरू करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM)-रायपुर के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नेस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करेगी। इसके लिए छात्रों का चयन कैट परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में आईआईएम-रायपुर में कक्षाओं के साथ-साथ छात्रों को छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों में व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किया जाएगा। पाठ्यक्रम की पूरी फीस राज्य सरकार वहन करेगी, साथ ही छात्रों को निर्धारित मासिक वजीफा भी प्रदान करेगी। यह योजना शासन में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ राज्य के युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा एवं प्रायोगिक अनुभव का अवसर प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पेशेवरों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है जो सरकार, एनजीओ, थिंक टैंक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर गवर्नेंस को बेहतर बनाने के क्षेत्र में काम करेगी।

 

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