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ममता के भतीजे ने दी धमकी- आंखें निकाल लेंगे, हाथ काट लेंगे

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने एक भड़काऊ बयान सोमवार को कहा कि राज्य की जनता की ओर उठने वाली आंखें निकाल ली जाएंगी और हाथ काट दिए जाएंगे। अभिषेक के इस बयान की राजनीतिक पार्टियों ने निंदा की है।

दक्षिण 24-परगना जिले में डायमंड हार्बर से लोकसभा सदस्य अभिषेक ने ये भड़काऊ बयान सोमवार को उत्तर 24-परगना जिले में पार्टी की एक रैली के दौरान दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं से 21 जुलाई को शहीद दिवस रैली में भारी संख्या में पहुंचने की अपील करते हुए अभिषेक ने कहा, “जब तक ममता बनर्जी यहां हैं, जो कोई भी बंगाल की जनता को आंखें दिखाएगा, हम उसकी आंखें निकाल लेंगे और उसे सड़क पर फेंक देंगे। यदि कोई हाथ उठता है तो हम उसे काट सकते हैं।”

तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को उन लोगों की याद में शहीद दिवस मनाती है, जो वर्ष 1993 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में निकाली गई युवा कांग्रेस रैली पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए थे। मार्क्सेवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी राजनीतिक दलों में ऐसे कुछ तत्व होते हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस वास्तव में गुंडों-मौवालियों की ही पार्टी है। बंगाल में कानून-व्यवस्था गायब है और पुलिस कभी इन पर कार्रवाई नहीं करती, क्योंकि ममता बनर्जी की सरकार में खुद पुलिस पर हमले हो रहे हैं और उनकी हत्याएं की जा रही हैं।”

कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा, “अभिषेक का बयान निंदनीय है। भारतीय राजनीति किसी को भी इस तरह के बयान की इजाजत नहीं देता। इससे ममता बनर्जी या उनकी पार्टी को कोई मदद नहीं मिलेगी, बल्कि इससे उन्हें नुकसान ही होगा।” भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, “अभिषेक का बयान तृणमूल को चरित्र को दर्शाता है। तृणमूल कांग्रेस मूलत: तानाशाह चरित्र वाली पार्टी है, जो आक्रमणकारी महमूद गजनी से प्रेरित है।” ट्विटर पर अभिषेक के इस बयान के कारण चारों ओर से लोगों की प्रतिक्रियाएं और निंदा की झड़ी लगी हुई है और मंगलवार सुबह से ही यह अभिषेक बनर्जी हैशटैग ट्विटर के टॉप ट्रेंड में बना हुआ है।

इससे पहले अभिनेता से राजनेता बने तृणमूल के ही एक अन्य सांसद तापस पॉल भी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं और उनकी महिलाओं के खिलाफ धमकीभरा बयान दे चुके हैं।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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