प्रादेशिक
ममता बनर्जी ने क्रिकेट खिलाड़ी की मौत पर दुख जताया
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बंगाल के पूर्व अंडर-19 क्रिकेट कप्तान अंकित केसरी के निधन पर शोक जताया है। एक स्थानीय मैच में क्षेत्ररक्षण करने के दौरान गंभीर रूप से जख्मी हुए अंकित की सोमवार तड़के एक निजी नर्सिग होम में मौत हो गई। बनर्जी ने सोशल साइट ट्विटर के जरिए अपना दुख जताते हुए लिखा कि युवा क्रिकेट खिलाड़ी अंकित की मौत स्तब्ध करने वाली एक दुखद घटना है। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि।
बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के कोषाध्यक्ष विश्वरूप डे के अनुसार ईस्ट बंगाल टीम के 20 वर्षीय खिलाड़ी अंकित को शुक्रवार को भवानीपुर के खिलाफ एक मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण के दौरान चोट लगी थी। चोट लगने के तत्काल बाद अंकित बेहोश हो गए। उन्हें साथी खिलाड़ी शिवसागर सिंह ने सांस देकर होश में लाने की कोशिश की। इसके बाद उन्हें तत्काल नजदीक के एक अस्पताल में ले जाया गया। यह मैच जाधवपुर विश्वविद्यालय स्टेडियम में खेला जा रहा था।
सीएबी के एक अधिकारी के अनुसार सलामी बल्लेबाज के तौर खेलने वाले अंकित इस साल अंडर-23 बंगाल टीम के लिए भी चुने गए थे। दूसरी ओर, अंकित के पिता राज कुमार केसरी के अनुसार सीएबी के अधिकारियों के निर्देश के बाद उनके पुत्र को मध्य कोलकाता में स्थित एक दूसरे नर्सिग होम में भेजा जाना था। अंकित के पिता ने बताया कि शुक्रवार को शुरुआती जांच के बाद हमें बताया गया था मेरे पुत्र की हालत स्थिर है और जल्द ही उसे आईसीयू से जेनरल वार्ड में भेज दिया जाएगा।
अंकित के पिता के अनुसार, “बाद में हमें बताया गया कि उन्हें बुखार है। इसलिए उन्हें जनरल वार्ड में नहीं भेजा गया। सीएबी के अधिरारियों की सलाह के बाद हम उन्हें दूसरे अस्पताल में ले कर गए। वहां भी हमें यह बताया गया कि यह चोट मामूली है और वह केवल तीन से चार दिन तक अस्पताल में रहेगा। इसके बाद सोमवार सुबह मुझे फोन पर दिल का दौरा पड़ने से मेरे बेटे के मौत की खबर मुझे दी गई।
राज कुमार ने चिकित्सा में भी लापारवाही का आरोप लगाया और कहा, “अगर अच्छा इलाज मिलता तो मेरे बेटे को बचाया जा सकता था। वह अच्छा खेल रहा था और उसमें कोई बुरी आदत भी नहीं थी।”
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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