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ऑफ़बीट

मरने के बाद भी उसकी लाश से आती है खुशबू, गांववाले है परेशान

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नई दिल्ली। कहते है ‘मरने से पहले अगर किसी इंसान की आखिरी इच्छा पूरी न हो पाए तो उसकी आत्मा को शान्ति नहीं मिल पाती और दर- बदर इसी संसार में घूमती रह जाती है।

बहुत से ऐसे लोग है जो आज भी भूत-प्रेत जैसी बातों पर यकीन नहीं करते तो वहीँ कुछ लोग ऐसे भी है जिनका मानना है कि, ‘अगर इस दुनिया में भगवान है, तो भूत-प्रेत भी है।

जी हाँ अगर आपको भी भूत-प्रेत और आत्मा जैसी बातों पर विश्वास नहीं है, तो आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आए है।  जिसे सुनकर आपको भी इन सब बातों पर पूरा न सही थोड़ा-बहुत तो यकीन हो ही जाएगा।

जी हां।  दरअसल, यमन के धाफर गाँव से एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप हैरत में पड़ जाएगें, यहां एक लड़की की कब्र से रोज खुशबू आती है जिससे पूरा गाँव महक उठता है।

यह कब्र एक लड़की की है, जो बीस साल की उम्र में बीमारी के कारण मर गई थी। लड़की की मौत के बाद परिजनों ने गांववालों के साथ मिलकर उसके शव को पास के ही एक कब्रिस्तान में दफना दिया था। शुरू में तो सब ठीक चलता रहा, लेकिन धीरे-धीरे कब्रिस्तान के अंदर से खुशबू आने लगी।

बिल्कुल ताजे फूलों की तरह। पहले तो गांववालों ने सोचा कि लोग कब्रिस्तान में मृतकों की कब्र पर फूल रखकर जाते हैं, ये खुशबू वहीं से आती है, लेकिन जब खुशबू रोज आने लगी, तो ग्रामीणों ने खुशबू का कारण जानने की कोशिश की। कुछ ग्रामीण एकत्र होकर कब्रिस्तान पहुंचे। ग्रामीणों ने पाया कि यह खुशबू उस लड़की की कब्र से आ रही है, जो कुछ दिन पहले मरी थी। खुशबू कैसे आ रही है? क्या कब्र के अंदर ऐसा कोई खुशबूदार पदार्थ रखा गया था।

इसके बाद जब गांववालों ने इस बात पर मरी हुई लड़की के परिजनों से जिक्र किया तो मालूम चला कि इस बात की उन्हें कोई खबर ही नहीं थी

इसके बाद एक दिन यहां तेज बारिश हुई और कब्रिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा। कुछ शव कब्र से बाहर आ गए। जब ग्रामीणों को शव कब्र से बाहर आने की बात पता चली, तो मौसम सही होने पर शवों को दोबारा दफनाने के लिए ग्रामीण कब्रिस्तान पहुंचे। यहां उन्होंने जो देखा, उसे देखकर उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। योमाना का शव भी बारिश के कारण कब्र से बाहर आ गया था, लेकिन वह पूरी तरह सही सलामत था।

फिलहाल, आज तक गांववाले उस खुशबू से परेशान रहते है, लेकिन अब भी वो महक सभी के लिए एक रहस्य बनी हुई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया से एक हफ्ते के लिए बना लें दूरी, शोध में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली। अगर आप भी तनावमुक्त और चिंतामुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम से दूरी बना लें। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक शोध में ये बात सामने आई है। साइबरसाइकोलॉजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किं ग जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, सोशल मीडिया से मात्र एक सप्ताह की दूरी स्वास्थ्य के लिये बेहतर साबित होती है और इससे तनाव तथा व्यग्रता के लक्षणों में कमी आती है।

बाथ यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता जेफ लैम्बर्ट ने कहा,हम जानते हैं कि सोशल मीडिया का बहुत इस्तमेाल होता है। इसी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर भी चिंता बढ़ी है। इस अध्ययन के माध्यम से हमने यह जानने की कोशिश कि क्या मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

उन्होंने कहा, हमने शोध में पाया कि कई प्रतिभागियों ने मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया न इस्तेमाल करने पर अपने मूड को बेहतर पाया और उनमें व्यग्रता के लक्षण भी कम दिखे। इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया से एक छोटा सा ब्रेक भी स्वास्थ्य के लिये सकारात्मक हो सकता है।

शोध के लिये 18 से 72 साल की आयु के 154 प्रतिभागियों पर शोध किया गया। इनमें से कुछ को कहा गया कि वे पहले की तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते रहें जबकि कुछ को इसे पूरी तरह बंद करने के लिये कहा गया। शोध की शुरूआत में ही सबके तनाव, चिंता और स्वास्थ्य का स्कोर ले लिया गया था। एक सप्ताह के बाद पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया से दूरी बनाई थी, उनका मानसिक स्वास्थ्य दूसरे समूह के प्रतिभागियों से बेहतर था।

जिन प्रतिभागियों को सोशल मीडिया से दूर रहने के लिये कहा गया था, वे भी औसतन 21 मिनट सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे जबकि दूसरा समूह औसतन सात घंटे सोशल मीडिया पर था।

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