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बिजनेस

मर्सिडीज बेंज वापस लेगी गाड़ियां

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बीजिंग। जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज चीन के बाजार में आयातित कुछ वाहनों को वापस लेगी। इन वाहनों की सीट बेल्ट एवं सॉफ्टवेयर में दिक्कतों की वजह से इन्हें बाजार से वापस लिया जा रहा है।

चीन की शीर्ष निगरानी संस्था ने सोमवार को यह जानकारी दी। चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ क्वालिटी सुपरविजन इंस्पेक्शन एंड क्वारैनटाइन के मुताबिक, कंपनी ने 2014-2016 के बीच निर्मित एस500 4मैटिक और एस63 एएमजी 4मैटिक वाहनों की सीट बेल्ट में दिक्कतों की वजह से इन्हें वापस लेना शुरू कर दिया है। मर्सिडीज 13 नवंबर से 2013-15 के बीच निर्मित कुछ एस400 एल हाइब्रिड वाहनों और 25 फरवरी 2013 से 24 सितंबर 2014 के बीच निर्मित वाहनों को भी ईधन प्रणाली सॉफ्टवेयर की समस्या की वजह से बाजार से वापस लेगी।

हालांकि, संस्था ने बाजार से वापस लिए जाने वाले इन वाहनों की कुल संख्या उजागर नहीं की। कंपनी इन वाहनों का निरीक्षण और जरूरत पड़ने पर कलपुर्जों का बदलाव निशुल्क करेगी।

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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