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प्रादेशिक

‘महाराजा एक्सप्रेस’ सर्वश्रेष्ठ लक्जरी ट्रेन घोषित

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रायपुर | दुनिया में सबसे आलीशान ट्रेनों में से एक के रूप में घोषित आईआरसीटीसी के स्वामित्व वाली और संचालित ‘महाराजा एक्सप्रेस’ ने अपने पुरस्कारों और उपाधियों की श्रृंखला में एक और पुरस्कार हासिल करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ‘महाराजा एक्सप्रेस’ को इस साल के सीएनबीसी-आवाज ट्रैवल अवार्डस से नवाजा गया है। इसे यह पुरस्कार ‘सर्वश्रेष्ठ लक्जरी ट्रेन’ श्रेणी में प्रदान किया गया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गुरुवार शाम एक समारोह में आईआरसीटीसी, पूर्वी क्षेत्र के महाप्रबंधक एस.एस. जगन्नाथन को पुरस्कार प्रदान किया। शाही वैभव में डूबी, इस ट्रेन को रेल यात्रा के लक्जरी अनुभव को फिर से परिभाषित करने के उद्देश्य के साथ मार्च 2010 में शुरू किया गया था। वर्तमान में यह ट्रेन अक्टूबर से अप्रैल के पर्यटक महीनों के बीच मुख्य रूप से राजस्थान में एक दर्जन से अधिक स्थलों को कवर करते हुए उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में पांच मार्गो पर चलती है।

1999 में स्थापित, भारतीय रेलवे का एक ‘मिनी रत्न’ पीएसयू आईआरसीटीसी, रेलवे के कैटरिंग, पर्यटन और ऑनलाइन टिकटिंग अभियानों को संचालित करता है। इसे भारत के सबसे बड़े और दुनिया के दूसरे सबसे व्यस्त ई-कॉमर्स पोर्टल का स्वामित्व भी हासिल है। सीएनबीसी-आवाज ट्रैवल अवार्डस का यह नौवां वर्ष था। यह चैंपियन बनने के लिए संगठनों और व्यक्तियों के उत्कृष्ट योगदान की पहचान करता है और भारत में पर्यटन को बढ़ावा देता है। यह पुरस्कार वैश्विक यात्रा उद्योग में योगदान करने के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ विश्वसनीय स्नैपशॉट भी प्रदान करता है।

द महाराजा एक्सप्रेस को 2012, 2013 और 2014 में तीन बार विश्व यात्रा पुरस्कार में ‘दुनिया के प्रमुख लक्जरी ट्रेन’ के रूप में चुना गया था। इसे ‘द सोसायटी ऑफ इंटरनेशनल रेलवे ट्रैवलर्स’ के द्वारा दुनिया के शीर्ष 25 ट्रेन की 2011 की सूची में शामिल किया गया था और इसने अपने ट्रेन पर आवास और भोजन की सुविधाओं, सेवा और ट्रेन से यात्रा करने के बाद भ्रमण कार्यक्रम के लिए प्रशंसा हासिल की। ट्रेन ने 2011 में कोंडे नास्ट ट्रैवलर्स रीडर चॉइस ट्रैवल अवार्ड में विशेषज्ञ ट्रेन ऑपरेटरों के वर्ग में प्रथम रनर अप पुरस्कार प्राप्त किया था। इस आलीशान ट्रेन में लाइव टेलीविजन, कमरे से संबद्ध बाथरूम, डाइनिंग कार, बार, लाउंज, यादगार वस्तुओं की दुकान, विशाल बैठक और पानी को फिल्टर करने के संयंत्र जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें दो डाइनिंग कार और एक समर्पित बार कार के साथ राजा क्लब नामक एक लाउंज भी है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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