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प्रादेशिक

महाराष्ट्र में भगवान गणेश को दी जा रही विदाई

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गणेशमुंबई| महाराष्ट्र के मुंबई और अन्य हिस्सों में गुरुवार को अनंत चतुर्दशी के मौके पर भगवान गणेश को अंतिम विदाई दी जा रही है। भगवान गणेश की ‘उत्तर पूजा’ के बाद गणेश की हजारों की संख्या में बड़ी, मध्यम और छोटी मूर्तियों को ‘गणपति बप्पा मोर्या, पुंडचया वार्षि लावकर या के नारों के बीच’ विभिन्न घाटों पर विसर्जन के लिए लेकर जाया जा रहा है।

इस जुलूस में नर्तक, संगीत बैंड के सदस्य, डीजे भी हैं। लोग जुलूस में हिस्सा ले रहे लोगों और मूर्तियों पर रंग व फूल बरसा रहे हैं। मुंबई के भाऊसाहेब लक्ष्मण जावले उर्फ भाऊ रंगारी ने 1892 से इस त्योहार को सार्वजनिक तौर पर खुले में मनाने की पहल की। यह पर्व 125 साल से मनाया जा रहा है।

स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने पुणे में 1893 में लोगों को ब्रिटिश राज के विरुद्ध एकजुट करने के लिए व्यापक स्तर पर इस पर्व को मनाया। मुंबई पुलिस, मुंबई नगर पालिका (बीएमसी), नौसेना, भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) और अन्य एजेंसियों ने गणेश भगवान के सुरक्षित विसर्जन के लिए विभिन्न इंतजाम किए हैं।

विसर्जन के लिए प्राकृतिक एवं कृत्रिम जलाश बनाए गए हैं। बीएमसी ने इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती, सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर, खोजी कुत्तों और अन्य सुरक्षा गैजेट के अलावा दमकलकर्मियों, गोताखोरों की तैनाती की है। नौसेना और आईसीजी विसर्जन प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। हेलीकॉप्टर, स्पीडबोट, नौसेना पोतों को भी किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति के लिए तैयार रखा गया है।

इस साल जेलीफिश और स्टिंगरे से बड़ा जोखिम है, इसलिए भक्तों को पानी में नंगे पैर नहीं जाने की सलाह दी गई है। गणेशोत्सव के अंतिम दिन गुरुवार को गणेश की एक लाख से अधिक बड़ी और छोटी मूर्तियों को विसर्जित किया जाएगा। मुंबई और तटीय कोंकण क्षेत्र में गुरुवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है, जिससे विसर्जन प्रक्रिया मंद पड़ सकती है। गणेश की बड़ी मूर्तियों के विसर्जन के लिए लोकप्रिय विसर्जन घाटों में अरब सागर भी है। बीएमसी ने मूर्तियों के विसर्जन के लिए कृत्रिम जलाशय भी बनाए हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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