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प्रादेशिक

महासचिव पद के लिए पार्टी में कोई मतभेद नहीं : अन्नाद्रमुक

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अन्नाद्रमुक पार्टी, सी.पोन्नियन, ओ.पन्नीरसेल्वाम, जयललिता, महासचिव पद

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अन्नाद्रमुक पार्टी, सी.पोन्नियन, ओ.पन्नीरसेल्वाम, जयललिता, महासचिव पद

panneerselvam

चेन्नई  | महासचिव पद के लिए पार्टी में संघर्ष या मतभेद की बात को खारिज करते हुए तमिलनाडु की सत्ताधारी अन्नाद्रमुक पार्टी ने शनिवार को कहा कि उक्त पद के लिए पार्टी किसी को जल्द चुनेगी। अन्नाद्रमुक के प्रवक्ता सी.पोन्नियन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “कुछ लोगों द्वारा महासचिव पद के लिए दावा करने हेतु अपने लिए समर्थन जुटाने की खबरें आधारहीन अफवाहें हैं।”

पोन्नियन ने कहा कि उक्त पद के लिए पार्टी एक व्यक्ति को जल्द चुनेगी जिन्हें पार्टी के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन या दिवंगत मुख्यमंत्री और महासचिव जयललिता की आत्माएं अन्नाद्रमुक का नेतृत्व करने लायक समझेंगी। प्रवक्ता ने कहा, “1.5 करोड़ सदस्यों के साथ अन्नाद्रमुक एक बरगद के पेड़ के समान है। पार्टी एकजुट और सशक्त है। किसी भी पद के लिए पार्टी में कोई अंदरूनी लड़ाई नहीं है।”

उन्होंने कहा कि पार्टी में शून्यता की कोई स्थिति नहीं है और दूसरी पंक्ति का नेतृत्व तैयार है। पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री के.ए. सेनगोत्तियान ने शुक्रवार को पार्टी के प्रतिष्ठित पद के लिए उनके दावा करने की खबरों को सिरे से खारिज किया। जब पोएस गार्डन निवास में मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वाम, जयललिता के निकट सहयोगी शशिकला और अन्य मंत्रियों की बैठक के बारे में पूछा गया तो पोन्नियन ने कहा कि दो अंग होते हैं-सरकार और पार्टी जिसके मंत्री सदस्य होते हैं।

पोन्नियन ने कहा, “जयललिता के पोएस गार्डन निवास में मंत्रिगण दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने गए होंगे।” लेकिन पोन्नियन ने जयललिता के इच्छा पत्र के बारे में कोई जवाब नहीं दिया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने   कहा कि पार्टी में अभी कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसके पास जयललिता की तरह करिश्माई व्यक्तित्व हो। उन्होंने कहा, “अगले नए नेता को जयललिता के एक सच्चे अनुयायी के रूप में अपना कद बनाना होगा।”

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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