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प्रादेशिक

महिलाओं की जादू-टोने के शक में हत्याएं रोकने में कानून नाकाम

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रांची| डायन बताकर महिलाओं की हत्या कर देने का सदियों पुराना अपराध झारखंड में आज भी जारी है। इसकी जड़ में कानून पर अमल में कोताही, ऐसे अंधविश्वास जिन्हें चुनौती नहीं दी जाती और भूमि विवाद हैं। बीते रविवार सरायकेला-खारसवान में सोसोकादा टोला में श्यामलाल मुंडा और उसके भाई राम सिंह मुंडा ने एक घर में घुसकर चार लोगों की हत्या कर दी। इनमें दो बुजुर्ग महिलाएं थीं।

पुलिस के मुताबिक कुछ दिन पहले श्यामलाल के एक साल के बेटे की मौत हो गई थी। उसका कहना था कि जिन लोगों की उसने हत्या की है, उन्होंने काला जादू कर दिया था जिसकी वजह से उसका बेटा मर गया।

हत्या के बाद दोनों भाई बुजुर्ग महिला का कटा हुआ सिर लेकर खुद थाने गए और अपना जुर्म कबूल लिया।

ऐसी हत्याएं सामान्य बात हैं। 8 अगस्त को मंदर में पांच महिलाओं की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले में 30 लोगों को पकड़ा जिनमें कुछ छात्र भी हैं। उनका कहना है कि हत्याओं का उन्हें कोई अफसोस नहीं है क्योंकि वे महिलाएं ‘डायन’ थीं।

झारखंड सरकार ने 2001 में ऐसी हत्याओं को रोकने के लिए कानून बनाया था और विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। इसके बावजूद राज्य में हर साल 30 से 50 महिलाओं की जादू-टोना करने के नाम पर मार डाला जा रहा है।

झारखंड महिला आयोग की पूर्व सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता वासवी ने आईएएनएस से कहा, “इन हत्याओं की कई वजहें होती हैं। 2001 का कानून कमजोर है। इस सबके साथ भूमि विवाद के मामले अलग से हैं।”

उन्होंने कहा कि कड़ी सजा के लिए कानून में संशोधन होना चाहिए। उन्होंने कहा, “महिलाओं की हत्या के लिए उकसाने वाले ओझाओं के लिए किसी दंड का प्रावधान नहीं है। हर जिले में एक जादू-टोना निषेध केंद्र होना चाहिए। जादू-टोने के मामलों को थानों में अलग से दर्ज किया जाना चाहिए और इनकी सुनवाई विशेष रूप से बनाई गईं त्वरित अदालतों में की जानी चाहिए। ”

कानून में प्रावधान है कि अगर किसी महिला को डायन कहा जाता है या जादू-टोने के नाम पर उत्पीड़ित किया जाता है तो आरोपी को तीन से छह महीने की सजा हो सकती है। राज्य महिला आयोग ने इस कानून को सख्त बनाने के लिए कई सिफारिशें की हैं लेकिन सरकार ने अभी इन पर कोई फैसला नहीं लिया है।

आयोग की अध्यक्ष महुआ मांझी ने कहा, “हमें शिक्षा का स्तर सुधारना होगा। यहां तक कि कुछ डिग्रीधारी छात्र भी ऐसी घटनाओं में शामिल पाए गए हैं। यह शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है।”

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2014 में 44 महिलाओं को डायन बताकर मार डाला गया था। इस साल अब तक 46 महिलाओं को डायन बताकर मारा जा चुका है। 2001 का कानून बनने के बाद से 500 से अधिक महिलाओं को डायन बताकर मारा जा चुका है।

 

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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