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हेल्थ

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मधुमेह की संभावना ज्यादा

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नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)| देश की सबसे बड़ी डायग्नॉस्टिक चेन एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स द्वारा किए गए एक विश्लेषण में सामने आया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मधुमेह होने की संभावना ज्यादा होती है। पिछले साढ़े तीन सालों में (2014 से 2017 के मध्य तक) 63 लाख से अधिक नमूनों के विश्लेषण में 21 फीसदी पुरुषों और 17.3 फीसदी महिलाओं में ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक पाया गया।

देश के चारों जोन में 46-60 तथा 61-85 आयुवर्ग में मधुमेह के सबसे ज्यादा मामले (26.71 फीसदी और 27.01 फीसदी क्रमश:) पाए गए। शहरवार विश्लेषण की बात करें तो देश के अन्य शहरों की तुलना में मुंबई और कोलकाता में मधुमेह के सबसे ज्यादा मामले पाए गए (23.74 फीसदी और 22.07 फीसदी)।

आर एंड डी एंड मॉलीक्यूलर पैथोलोजी के सलाहकार व संरक्षक डॉ. बी.आर. दास ने कहा, अगर मधुमेह इसी दर से बढ़ता रहा, तो आने वाले समय में भारत चीन को पछाड़कर मधुमेह की दृष्टि से दुनिया की राजधानी बन जाएगा। यह स्थिति बेहद खतरनाक होगी, क्योंकि मधुमेह से पीड़ित आबादी उत्पादक आयु वर्ग की होगी, जिसका सीधा असर उनके परिवारों पर पड़ेगा।

हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ तथा वल्र्ड इकोनोमिक फोरम द्वारा किए गए संयुक्त अध्ययनों के अनुसार, 2011 से 2030 के बीच मधुमेह के कारण दुनिया को सकल घरेलू उत्पाद में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ेगा।

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार भारत में 6.9 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और हर साल इसके कारण तकरीबन 3.5 लाख मौतें होती हैं।

डॉ. दास ने कहा, जांच से लेकर उपचार तक, ज्यादातर लागत मरीज को खुद उठानी पड़ती है। स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत तथा मधुमेह से प्रभावित बढ़ती आबादी के चलते स्थिति बद से बदतर होती जा रही है और रोग के कारण मृत्युदर तेजी से बढ़ रही है। रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है। रोग को नियंत्रित करने के लिए हमें उचित जीवनशैली एवं स्वास्थ्यप्रद आहार के सेवन की आदत डालनी होगी।

चारों जोनों में किए गए विश्लेषण के अनुसार, भारत के पश्चिमी क्षेत्र में मधुमेह के मामले सबसे ज्यादा- 20.47 फीसदी है। देश भर में हमारी प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षणों में 19.22 फीसदी मामलों में मधुमेह पाया गया।

मधुमेह के लिए काम में लिए जाने वाले परीक्षण हैं- फास्टिंग ब्लड शुगर, पोस्ट प्रेंडियल ब्लड शुगर और ग्लाकोसाइलेटेड हीमोग्लोबिन। किसी भी नमूने को मधुमेह के लिए पॉजिटिव बताने के लिए अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन 2017 के दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है। तीन में दो परीक्षणों का आसामान्य होना एक व्यक्ति में मधुमेह को इंगित करता है।

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हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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