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बिजनेस

महिला डायरेक्ट सेलरों की संख्या 2025 तक 55 लाख

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नई दिल्ली | इंडियन डाइरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने गुरुवार को कहा कि कहा कि भारतीय डाइरेक्ट सेलिंग बाजार में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और 2025 तक स्वरोजगारयुक्त महिला डायरेक्ट सेलरों की संख्या वर्तमान 25,51,189 से बढ़कर 55,07,820 हो जाएगी। आईडीएसए की महासचिव छवि हेमंत ने एक बयान में कहा, “देश में 7472 करोड़ रुपए मूल्य के डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में लगभग 60 लाख डायरेक्ट सेलर कार्यरत हैं, जिसमें से 70 प्रतिशत यानी, 43,83,487 सक्रिय विक्रेता हैं। 2013-14 में महिलाओं की भागीदारी 58.3 प्रतिशत और पुरुषों की भागीदार 42 प्रतिशत थी।”

उन्होंने कहा, “प्रत्यक्ष विक्रेताओं में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी संख्या वर्तमान में 25,51,189 है, जो साल-दर-साल 8 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ते हुए बढ़कर 2025 तक 55,07,820 हो जाने की उम्मीद है। छवि हेमंत ने कहा है कि यह दिलचस्प बात है कि पूर्णकालिक स्व-रोजगारयुक्त डायरेक्ट सेलरों में 64 प्रतिशत महिलाएं और अंशकालिक डारेक्ट सेलरों में उनकी 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है। छवि हेमंत ने इस बात पर जोर दिया कि डायरेक्ट सेलिंग शहरी और ग्रामीण महिलाओं के लिए अत्यधिक संभावित कारोबार का अवसर है। शुरुआत करने वालों के लिए, इसमें प्रवेश के लिए बिना किसी रोक-टोक के, अमूल्य कारोबार स्वामित्व का अहसास होता है। इसमंे लघु-उद्यमिता को भी प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग तेजी से ऊभर रहा है और स्वरोजगार अवसर तथा महिला सशक्तीकरण में इसका बड़ा महत्व है। उन्होंने साथ ही कहा, “कल्याण, सौंदर्य और पर्सनल केयर जैसे क्षेत्र भारतीय डायरेक्ट सेलिंग बाजार में छाए हुए हैं; जिससे महिलाओं का सशक्तीकरण हुआ है।”

पीएचडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निदेशक और मुख्य आर्थिक विश्लेषक एसपी शर्मा ने कहा, “देश के आर्थिक विकास में महिलाओं का विशेष योगदान है। वैश्वीकरण और उदारीकरण के दौर में लिंग भेदभाव काफी हद तक खत्म हुआ है। जहां महिलाओं पर केवल घरेलू कामकाज की जिम्मेदारी होती थी, अब वे बड़ी संख्या में देश के सभी आर्थिक क्षेत्रों में बराबर का योगदान दे रही हैं। डायरेक्ट सेलिंग इन्हीं महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करके महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रहा है।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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