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मनोरंजन

मांझी..’ जैसी फिल्में लैपटॉप पर देखने की नहीं : नवाजुद्दीन

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मुंबई। फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि ‘मांझी-द माउंटेन मैन’ जैसी गहरी और व्यापक फिल्म लैपटॉप पर देखने का कोई मतलब नहीं, क्योंकि इससे फिल्म को देखने का उद्देश्य ही नहीं बचता। फिल्म के प्रचार के दौरान नवाजुद्दीन से पूरी फिल्म लीक हो जाने के कारण व्यवसाय को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में पूछा गया।

नवाजुद्दीन ने कहा, “मैं यही कह सकता हूं कि इस जैसी फिल्म और कहानी को लैपटॉप पर नहीं देखा जाना चाहिए। ऐसी कहानी जिसमें एक आदमी विशाल पर्वत के आगे खड़ा है, जिसमें इतने गहरे दृश्य हैं, उसे लैपटॉप के छोटे से स्क्रीन पर देखने का कोई मतलब नहीं। मेरी दरख्वास्त है कि जिन लोगों ने फिल्म देख ली है, वे भी सिनेमाघर जाकर फिर से यह फिल्म देखें।”

फिल्म देखने का मजा बड़े पर्दे पर ही आएगा। फिल्म देखकर आप रो सकेंगे, हंस सकेंगे और भावनाओं को महसूस कर सकेंगे, तो आपको यह फिल्म बड़े पर्दे पर देखनी चाहिए। फिल्म प्रदर्शित होने से एक सप्ताह पहले ही इंटरनेट पर लीक हो चुकी है। नवाजुद्दीन ने बताया कि फिल्म के वितरक वियाकॉम 18 कानूनी मसले को देख रहे हैं। फिल्म आधिकारिक रूप से 21 अगस्त को रिलीज हो रही है। अभिनेत्री राधिका आप्टे ने फिल्म में मांझी की पत्नी की भूमिका निभाई है।

प्रादेशिक

लॉरेंस गैंग ने सलमान को मारने के लिए दी थी 25 लाख की सुपारी, पाकिस्तान से मंगाए थे एडवांस हथियार

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मुंबई। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान की हत्या की साजिश रचने के मामले में आए दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब महाराष्ट्र की पनवेल पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में सलमान की हत्या की प्लानिंग को लेकर कई बातें सामने आई हैं। बॉलीवुड एक्टर को मारने के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लोग उन्हें मारने के लिए पाकिस्तान से एडवांस हथियार हासिल करने की योजना बना रहे थे।

दरअसल, इसी साल अप्रैल में दो बाइक सवार लोगों ने मुंबई के बांद्रा में सलमान के गैलेक्सी अपार्टमेंट स्थित घर पर कई राउंड फायरिंग की थी और बाद में पता चला कि यह बिश्नोई का काम था। चार्जशीट के अनुसार, बिश्नोई गिरोह ने अभिनेता की हत्या के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी जारी की थी और उन्होंने अगस्त 2023 से अप्रैल 2024 तक कई महीनों तक इसके लिए योजना बनाई थी।

चार्जशीट के अनुसार, बिश्नोई गिरोह ने पाकिस्तान से हथियार लाने की भी योजना बनाई थी, जिसमें AK-47, AK-92, M16 राइफल और तुर्की निर्मित जिगाना पिस्तौल शामिल थी। चार्जशीट के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कों को सलमान की हत्या का काम सौंपा गया था और वे गोल्डी बरार और अनमोल बिश्नोई के आदेश का इंतजार कर रहे थे।

चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि सलमान की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए करीब 70 लोगों को लगाया गया था और निगरानी नेटवर्क पूरे शहर में फैला हुआ था, जिसमें उनका मुंबई स्थित घर, पनवेल का फार्महाउस और गोरेगांव फिल्म सिटी भी शामिल था। अपने घर पर हमले के बाद सलमान मुंबई पुलिस के सामने पेश हुए थे, जहाँ उन्होंने कहा था कि वे अपने और अपने परिवार के सदस्यों पर लगातार मिल रही धमकियों से तंग आ चुके हैं।

 

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