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प्रादेशिक

मांझी हुए बगावती, सीएम पद से हो सकती है विदाई

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पटना। बिहार में राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बगावती सुरों से जदयू संकट में घिर गई है। दरअसल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने सात फरवरी को विधायक दल की बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की विदाई की पटकथा तैयार की गई है। बैठक में गुप्त मतदान से विधायकों की राय लिए जाने की उम्मीद है। ये भी अटकलें हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता की बागडोर संभाल सकते हैं। लेकिन, इस पर अंतिम मुहर विधानमंडल दल की बैठक में ही लग सकेगी। पार्टी में अपने खिलाफ गोलबंदी होते देख मांझी ने भी कड़ा रुख अपनाया है।

मांझी ने गुरुवार देर शाम बयान जारी कर कहा है कि विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के पास नहीं है, इसलिए सात फरवरी को बुलाई गई बैठक असंवैधानिक और अवैध है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री होने के नाते केवल उन्हें ही विधानमंडल दल की बैठक बुलाने का अधिकार है। इस्तीफे की अफवाह का खंडन करते हुए मांझी ने कहा कि वह विधायक दल के नेता हैं और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने जा रहे। देर रात तक वह अपने समर्थकों के साथ डटे रहे। सूत्रों की मानें तो मांझी वैकल्पिक सरकार बनाने समेत सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

वहीं, जद (यू) के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता क़े सी़ त्यागी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी संविधान के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बैठक बुलाने का अधिकार है। इसी के तहत सात फरवरी को बैठक बुलाई गई है। मांझी ने अगर अध्यक्ष की बात नहीं मानी तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि विधायक दल के नेता नीतीश कुमार ने अपनी जगह मांझी को मनोनीत किया है। बताया जाता है कि मांझी समेत कई विधायक बैठक में शामिल नहीं होंगे।

इससे पहले गुरुवार दोपहर तक मांझी को मनाने का प्रयास जारी रहा। शरद चाहते थे कि मांझी पद छोड़कर किसी और को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दें, लेकिन मांझी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। लगभग एक घंटे तक शरद और मांझी की बंद कमरे में बैठक हुई। मांझी को पद छोड़ने के बदले परिवार से एक मंत्री और दो को टिकट देने का प्रस्ताव दिया गया। साथ ही संगठन में भी उन्हें महत्वपूर्ण पद देने की बात कही गई, लेकिन वह तैयार नहीं हुए।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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