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मां के लिए मेरी शरारत काबू करना कठिन हो जाता था : लता

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मुंबई, 13 मई (आईएएनएस)| सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का कहना है कि बचपन में वह काफी ऊर्जावान, शरारती, जोश से भरपूर थीं, जिसके चलते उन्हें रोकना उनकी मां के लिए मुश्किल साबित होता था।

लता ने रविवार को मदर्स डे पर अपनी मां को याद करते हुए कहा, मां से जुड़ी कई बातें मुझे आज भी अच्छी तरह से याद हैं, हालांकि मैं उस समय तीन-चार साल की थी। जो साड़ी वह पहनती थीं उसका रंग, उनके कान के आभूषण की डिजाइन, पैर में वह जो बिछिया पहनती थी.. मुझे अपने बचपन की सारी बातें याद हैं, खासकर उस समय की, जिसे मैंने मां के साथ बिताया।

उन्होंने कहा, मैं बहुत शरारती बच्ची थी। मेरी शरारत व उत्साह को रोकना मां के लिए मुश्किल होता था। मुझमें काफी जोश व ऊर्जा थी। मैं दिनभर इधर-उधर फिरती रहती और मेरे पिता (शास्त्रीय गायक व रंगमंच अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर) जो गीत अपने शिष्यों को सिखाते थे, उसे गाती रहती।

उन्होंने कहा कि दिग्गज गायक को धुनों की अच्छी समझ थी, और जब वह गायिका बनीं तो उनमें भी यह गुण आ गया।

लता ने कहा, मैं बहुत जल्दी गीत सीख जाती थी और दौड़कर रसोईघर में पहुंच जाती और मैंने जो नया गीत सीखा होता था, उसे मां को सुनाती।

उन्होंेने कहा कि रसोईघर बहुत बड़ा होता था, जहां मेहमानों के लिए खाना बनता था और उनकी मां वहां काम में जुटी रहती थीं। वह वहां पहुंचकर उछल-कूद मचाती थीं। वह अपनी मां से उनका गाना सुनने की जिद करतीं, जबकि मां काम में मशगूल होने के कारण उन्हें वहां से जाने के लिए कहती। लेकिन, लता की जिद पर वह गाना सुनने के लिए तैयार हो जाती थीं।

गायिका ने कहा कि उनकी पहली समर्पित श्रोता उनकी मां थीं।

लता ने कहा, वह ऐसी शख्स थीं, जिनके साथ मुझे सामने गाने के दौरान श्रोताओं का ध्यान अपनी ओर लगाए रखने के महत्व का अहसास हुआ। मेरी मां ने कभी भी हम बहनों (लता, मीना, आशा और उषा) और हमारे इकलौते भाई में भेदभाव नहीं किया।

उन्होंने कहा, सच यह है कि घर की सारी महिलाएं हमारे इकलौते भाई के लिए सामूहिक रूप से मां बन गईं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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