अन्तर्राष्ट्रीय
मां को गर्भपात के लिए मजबूर कर रही बेटी
बीजिंग| चीन के हुबेई प्रांत स्थित वुहान में एक 44 वर्षीय महिला को जबरन गर्भपात कराना पड़ा, जब उसकी किशोर बेटी ने ऐसा न करने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी। वेबसाइट ‘चाइनाडेली डॉट कॉम’ के अनुसार, हाल ही में चीन में एक बच्चा नीति में सरकार द्वारा छूट दिए जाने के बाद शिआओ और उनके पति ने दूसरे बच्चे के माता-पिता बनने का फैसला किया, लेकिन उनकी 13 वर्षीय बेटी को माता-पिता का यह फैसला मंजूर नहीं था।
समाचार पत्र ‘वुहान इवनिंग न्यूज’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक शिआओ ने बताया, “जैसे ही उसे (बेटी) मेरे गर्भवती होने का पता चला, उसने कहा कि यदि मैंने गर्भपात नहीं कराया, तो वह आत्महत्या कर लेगी। पहले हमने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन वह काफी आक्रामक होने लगी।”
शिआओ ने बताया कि गर्भपात नहीं कराने पर उसने गुस्से में आकर घर में तोड़-फोड़ मचाना, चीजों को इधर-उधर फेंकना शुरू कर दिया, पढ़ाई छोड़ने और उच्च विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में न बैठने की चेतावनी दी, यहां तक कि खुदकुशी की भी धमकी दी।
बेटी द्वारा कलाई की नस काटकर आत्महत्या की कोशिश के बाद शिआओ और उनके पति ने बेटी को खोने के डर से उसकी बात मान ली और गुरुवार को अस्पताल जाकर गर्भपात करा लिया। शिआओ को 13 सप्ताह का गर्भ था।
चिकित्सकों ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि एकलौते बच्चों के माता-पिता उनके बड़े होने के बाद जब दूसरा बच्चा चाहते हैं तो उसमें असुरक्षा की भावना उपजती है, लेकिन शिआओ की बेटी की जैसे दुर्लभ मामलों में अभिभावकों को मामले पर दोबारा गौर करना चाहिए।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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