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माकपा का विस्फोट में हाथ होने से इंकार

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कन्नूर (केरल),मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,बम विस्फोट,कोडियेरी बालाकृष्णन,आरएसएस

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कन्नूर (केरल) | मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को कहा कि इसका बम विस्फोट की उस घटना में कोई हाथ नहीं है, जिसमें पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे। पार्टी ने देसी बम बनाने में हाथ होने से इंकार किया है।

के. शिजु (39) और सुधीश (28) शनिवार को कन्नूर के नजदीक चेत्ताकांडी इलाके में विस्फोट में मारे गए थे। यह माना जा रहा है कि बम बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था। माकपा की केरल इकाई के सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने दिल्ली में रविवार को संवाददाताओं को बताया, “यह उस स्थान पर हुआ जहां पुलिस की सुरक्षा का घेरा था। माकपा का इसमें कोई हाथ नहीं था और यह पुलिस बल की असफलता है क्योंकि वह यह स्थान है जहां माकपा और आरएसएस के बीच अक्सर लड़ाइयां देखी जाती हैं।” बालकृष्णन पार्टी की बैठक के सिलसिले में राजधानी में हैं।

केरल के गृह मंत्री रमेश चेन्निथला ने बताया कि बालकृष्णन झूठ बोल रहे हैं। चेन्निथला ने कहा, “उनका क्या मतलब है? क्या आप जानते हैं कि जो मारे गए वे कट्टर माकपा कार्यकर्ता हैं और अन्य दो की हालत भी गंभीर है। जो उन्होंने कहा व गलत है कि जो केरल के लोग जानना चाहते हैं वह यह कि बम का निशाना कौन था।” उन्होंने कहा, “पुलिस ने एक मृतक के घर से बम बरामद किए हैं। पुलिस ने दो बम निष्क्रिय करने वाली टीम गठित की है और खोजी अभियान शुरू किया है।”

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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