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मारुति सुजुकी के श्रमिकों ने जेल में बंद पूर्व-कर्मियों के आश्रितों की मदद की

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गुरुग्राम, 22 अगस्त (आईएएनएस)| मारुति सुजुकी के गुरुग्राम संयंत्र के कर्मचारियों ने गुरुवार को कंपनी के मानेसर संयंत्र में 2012 में हुई हिंसा मामले में जेल में बंद कंपनी के 13 पूर्व-कर्मचारियों के परिवारों को कुल 45.5 लाख रुपये की मदद दी। एक यूनियन नेता ने यह जानकारी दी। कंपनी के गुरुग्राम संयंत्र के कामगार संघ (मारुति उद्योग कामगार संघ) के महासचिव कुलदीप जंगु ने कहा कि 2,200 से अधिक श्रमिकों से प्रत्येक से 2,000 रुपये इकट्ठा किए गए।

जांगु ने आईएएनएस को बताया, ओल्ड दिल्ली रोड पर सेक्टर 18 में स्थित फैक्ट्री परिसर की यूनियन कार्यालय में प्रत्येक पीड़ित परिवार को 3.5 लाख रुपये की राशि सौंपी जाएगी।

साल 2017 में 14 अक्टूबर को मानेसर संयंत्र के मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन (एमएसडब्ल्यूयू) ने जेल में बंद कंपनी के 13 पूर्व श्रमिकों के परिवारों को कुल 71.5 लाख रुपये (5.5 लाख रुपये प्रत्येक परिवार को) सौंपे थे।

यूनियन नेताओं ने कहा कि मानेसर संयंत्र के श्रमिकों ने अपने पूर्व सहयोगियों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने के लिए 5000-5000 रुपये का योगदान दिया था, जिनकी वित्तीय स्थिति बहुत खराब थी।

2016 में 16 अप्रैल को मारुति उद्योग कामगार संघ ने 31 प्रभावित परिवारों को 50,000-50,000 रुपये दिए थे।

2017 में 18 जुलाई को सनबीम ऑटो कंपनी के श्रमिक संघ ने 13 परिवारों में से प्रत्येक को 75,000 रुपये दिए।

गुरुग्राम के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल ने 2017 में 10 मार्च को मारुति सुजुकी इंडिया लि. (एमएसआईएल) के मानेसर संयंत्र में 2012 में 18 जुलाई की शाम में हुए कत्ल, हिंसा और अन्य अपराधों में 31 पूर्व कर्मियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।

पिछले साल 18 मार्च को अदालत ने हिंसा और दंगा मामले में 13 पूर्व श्रमिकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

अदालत ने चार आरोपियों को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई और कहा कि शेष 14 आरोपियों को पहले ही जेल में काटी गई सजा पर्याप्त है।

इस हिंसा में मारुति सुजुकी के मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक अश्विन कुमार देव की मौत हो गई थी और चार दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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