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बिजनेस

मारुति सुजुकी प्रबंधन, कामगारों में वेतन समझौता हुआ

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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के गुड़गांव परिसर में कामगारों और प्रबंधकों के बीच वेतन समझौता हो गया है। समझौते के मुताबिक कामगारों का वेतन औसत 16,800 रुपये बढ़ेगा। समझौते की प्रक्रिया छह महीने से चल रही थी।

एक सूत्र ने बताया कि इस दौरान कंपनी के तीनों कर्मचारी संघों -मारुति उद्योग कामगार संघ, मारुति सुजुकी कामगार संघ और मारुति सुजुकी पॉवर ट्रेन कामगार संघ- और प्रबंधकों के बीच 40 बैठकें हुईं। गुरुवार रात हुए समझौते में कर्मचारियों के वेतन में औसत 16,800 रुपये प्रति माह वृद्धि करने की सहमति बनी है।

समझौते के मुताबिक, यह वृद्धि तीन साल में (एक अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2018 के बीच) लागू की जाएगी। यह वृद्धि प्रथम वर्ष में 50 फीसदी और बाद के दो वर्षो में 25-25 फीसदी लागू की जाएगी। पिछले महीनों के बकाए का भुगतान इस महीने के अंत तक कर दिया जाएगा। सूत्र ने बताया कि जो कर्मचारी कंपनी की बस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें सात साल तक हर महीने 2,000 रुपये परिवहन भत्ते के तौर पर दिए जाएंगे।

उसने कहा कि कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी काइची आयुकावा ने समझौता पूरा होने की खुशी में कर्मचारियों को 3000 रुपये उपहार देने की भी घोषणा की है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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