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यूपी समेत सात राज्यों में शुरू होगा ‘मिशन परिवार विकास’

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JP Naddaनई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के सर्वाधिक जन्म दर वाले 145 जिलों के लिए जल्द ही ‘मिशन परिवार विकास’ शुरू करेगी। ये 145 जिले सात राज्यों में आते हैं। ये राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम हैं, जिनका देश की कुल आबादी में 44 प्रतिशत हिस्सा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि देश में संवेदनशील जिलों के लिए तीन महीनों में ऐसी रणनीति बनाई जाए, जिसका उद्देश्य गहन और उन्नत परिवार कल्याण सेवा प्रदान करना हो।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इसी निर्देश के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देश के सर्वाधिक जन्म दर वाले 145 जिलों के लिए जल्द ही ‘मिशन परिवार विकास’ शुरू करेगा। ‘मिशन परिवार विकास’ का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले परिवार कल्याण उपाय के विकल्पों तक पहुंच बनाने में तेजी लाना है, जो सूचना, भरोसेमंद सेवाओं और आपूर्ति पर आधारित है।

बयान के अनुसार, यह मिशन सभी 145 जिलों में एक साथ शुरू किया जाएगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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