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प्रादेशिक

मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी दिल्ली सरकार

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Arvind-kejriwal

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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के हेड एमके मीणा व अतिरिक्त आयुक्त एसएस यादव के बीच शाखा के दफ्तर में हुई कहासुनी के बाद दिल्ली सरकार ने मीणा की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।

दिल्ली सरकार हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी, जिसमें कहा जाएगा कि एसीबी में ज्वाइंट कमिश्नर के पद का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार कोर्ट में यह बात रखेगी कि जब ऐसे किसी पद का प्रावधान ही नहीं है, तो ऐसे में एसीबी में ज्वाइंट पद पर मुकेश मीणा की नियुक्ति गैरकानूनी और असंवैधानिक है। दरअसल मीणा व यादव के बीच विवाद तब शुरू हुआ था, जब 8 जून को उपराज्यपाल नजीब जंग ने मीणा को एसीबी प्रमुख नियुक्त किया था, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रमुख के रूप में अतिरिक्त आयुक्त एसएस यादव को चुना था। दो खेमों में बंटे अधिकारियों के बीच खींचतान बुधवार शाम तब चरम पर पहुंच गई, जब मुकेश मीणा ने एसएस यादव को बुलाया और एफआईआर बुक के विषय में बात की। इस बीच दोनों अधिकारियों के बीच बहस हो गई। दोनों के बीच तू-तू मैं-मैं हुई और नौबत यहां तक आ गई कि दफ्तर खाली कराने की आशंका को लेकर यादव ने सतर्कता निदेशक को पत्र लिखा। एसएस यादव ने पुलिस आयुक्त और उपराज्यपाल को भी पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत करवाया। यादव ने पत्र में दिल्ली पुलिस से नजदीकी का हवाला देकर मीणा की तरफ से जबरदस्ती ऑफिस खाली कराने का अंदेशा जताया है।

दूसरी ओर मुकेश मीणा ने अपना पक्ष रखने के लिए उपराज्यपाल से मुलाकात की तो मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को गोपनीय चिट्ठी लिखकर हालात से अवगत करवाया।

इस विवाद के बाद ही केजरीवाल सरकार ने मुकेश मीणा के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। याचिका में दिल्ली सरकार ये दलील भी देगी कि जिस व्यक्ति के खिलाफ पहले ही एसीबी में हवाला के आरोपों की जांच चल रही हो, वो व्यक्ति कैसे एसीबी में तैनात हो सकता है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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