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मुंबई इमारत हादसा : भगवान गणपति ने बचाई मां–बेटी की जान, जानिए कैसे

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मुंबई। घाटकोपर में इमारत गिरने के हादसे के वक्त बेटी को स्कूल से लाने के बाद सीधे घर न जाकर भगवान गणपति का फ्रेम लेने जाने के फैसले के कारण महिला की जान बच गई।

दरअसल, बेटी को लेने के बाद उन्हें याद आया कि वह भगवान गणेश की तस्वीर के लिए दुकान से फ्रेम लाना भूल गई हैं। इसकी याद आते ही वह दुकान पहुंच गईं।

इसी बीच सिद्धी साईं हाउसिंग सोसाइटी की बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। इसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

जब हादसा हुआ तो महिला के घर कोई नहीं था। वह और उनकी बेटी गणेश जी के लिए फ्रेम लेने गए थे, जबकि उनके ससुर और पति दोनों दफ्तर में थे।

महिला और उनकी बेटी अगर थोड़ी देर पहले ही घर लौट आते तो शायद वे दोनों भी इस हादसे का शिकार हो जाते, लेकिन गणेश जी के फ्रेम ने उन्हें बचा लिया।

इस इमारत में रहने वाले कई लोगों की जान ऐसे ही किसी काम के सिलसिले में घर से बाहर होने की वजह से बच गई। 67 साल के लालचंद रामचंदानी अपनी वर्कशॉप पर जाने के लिए घर से बाहर निकले ही थे कि बिल्डिंग भरभराकर गिर गई।

उन्होंने बताया, ‘मैं घर से निकलकर करीब 50 कदम चला था जब मैंने लोगों के चीखने की आवाजें सुनीं। लोग चिल्ला रहे थे- बिल्डिंग गिर गई, बिल्डिंग गिर गई। मैं पीछे मुड़ा और देखा कि बिल्डिंग गिर गई थी।’ यहां तक कि रामचंदानी भी बिल्डिंग को गिरते नहीं देख पाए थे, हर जगह मलबा ही मलबा था।

रामचंदानी की पत्नी गीता को मलबे के नीचे से बाहर निकाला गया। वह एक स्लैब के नीचे दबी थीं। रामचंदानी चौथे फ्लोर पर अपनी पत्नी के साथ रहते थे। उनके बच्चे महाराष्ट्र से बाहर रहते हैं। उन्होंने बताया, ‘मेरी पत्नी गीता आईसीयू में हैं।

हम चौथे फ्लोर पर रहते हैं, शायद इसलिए वह बच गईं। हालांकि, जो लोग निचले तलों पर रहते थे, उन्हें या तो गंभीर चोटें आईं या उनकी मौत हो गई। यह सब सुनील शितप के कारण हुआ है, बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी ग्राउंड फ्लोर पर बदलाव करा दिया।’

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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