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बिजनेस

मुकेश अंबानी बने देश के सबसे अमीर व्यक्ति

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नई दिल्ली। रिलांयस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर उद्योगपति हैं। मशहूर बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स की सोमवार को जारी सूची में मुकेश अंबानी 2,100 करोड़ डॉलर की सम्पत्ति के साथ भारत में नंबर वन पर हैं। वहीं दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी पद पर बिल गेट्स कायम हैं।

फोर्ब्स की धनकुबेरों की 29वीं सालाना सूची ने 1,826 अरबपतियों (जिनकी संपत्ति 100 करोड़ डॉलर यानी 6,100 करोड़ रूपए या उससे ज्यादा है) की संख्या के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस सूची में भारत में इस वर्ष अरबपतियों की संख्या 90 पहुंच गई है, जिसमें मुंकेश अंबानी एक बार फिर शीर्ष पर पहुंच गए। फोर्ब्स द्वारा जारी वार्षिक सूची में भारतीय अरबपतियों में इस बार 28 नए अरबपति शामिल हुए हैं। सूची में शीर्ष 50 में तीन भारतीय नाम हैं। इनमें मुकेश अंबानी 39वें (2,100 करोड़ डॉलर), दिलीप सांघवी 44वें (2,000 करोड़ डॉलर) और अजीम प्रेमजी 48वें (1,910 करोड़ डॉलर) पर हैं। खास बात यह है कि दुनिया के सर्वाधिक रईसों की इस सूची में अमेरिका 536 अरबपतियों के साथ शीर्ष पर है, जबकि 213 अरबपतियों के साथ चीन दूसरे जबकि 103 अरबपतियों के साथ जर्मनी और 90 अरबपतियों के साथ भारत चौथे स्थान पर है।

सूची के अनुसार, पिछले 21 वर्षों में अमेरिकी अरबपति बिल गेट्स 16वीं बार दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनकर उभरे। बिल गेट्स की पिछले वर्ष की 76 अरब डॉलर की संपत्ति इस वर्ष बढ़कर 79.2 अरब डॉलर हो गई और वह लगातार दूसरे वर्ष दूरसंचार दिग्गज कार्लोस स्लिम हेलू को पछाड़ने में सफल रहे। हेलू की संपत्ति पिछले वर्ष 72 अरब डॉलर से बढ़कर इस वर्ष 77.1 अरब डॉलर हो गई। दुनिया के सबसे अमीर आदमी रह चुके वारेन बफेट इस वर्ष एक स्थान ऊपर उठकर तीसरे पायदान पर पहुंच गए हैं। बफेट की मौजूदा संपत्ति 72.7 अरब डॉलर की है। स्पेन के कपड़ा व्यवसायी एमानसियो ओरटेगा 64.5 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति रहे।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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