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मुझे एमसीडी चुनाव में भी ईवीएम से छेड़छाड का डर : केजरीवाल

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उन्हें दिल्ली में रविवार को होने जा रहे निकाय चुनाव में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के साथ छेड़छाड़ किए जाने की ‘पांच से 10 प्रतिशत’ तक आशंका है। उन्होंने लोगों से इसे नाकाम करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में भारी मतदान करने की अपील की।

आप नेता ने मोदी सरकार पर उन राज्य सरकारों को कमजोर करने का आरोप भी लगाया, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि वह इस बात को लेकर ‘100 फीसदी’ आश्वस्त हैं कि पंजाब में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम में छेड़छाड़ की वजह से आप की जीत नहीं हुई। उन्होंने आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा कि इसकी कोशिश रविवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में भी होगी।

उन्होंने कहा कि उन्हें तीन कारणों से रविवार को दिल्ली में होने जा रहे एमसीडी चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका है। उन्होंने कहा, “पहला कारण तो यह है कि 2006 के ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा विशेषताएं नहीं हैं। दूसरा कारण यह है कि ईवीएम में वीवीपीएटी नहीं हैं और तीसरी वजह यह है कि ईवीएम राजस्थान (जहां उनका कहना है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जाती है) से मंगाए जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “ईवीएम में छेड़छाड़ रोकने का केवल एक ही रास्ता है कि कल (रविवार) बड़ी संख्या में लोग आप के पक्ष में मतदान करें, ताकि ईवीएम में छेड़छाड़ के प्रयास विफल किए जा सकें।” केजरीवाल ने इससे इनकार किया कि वह इसलिए ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं, क्योंकि आप पंजाब व गोवा में विधानसभा चुनाव हार गई। उन्होंने कहा, “हमने ये आरोप तब नहीं लगाए जब भाजपा महाराष्ट्र व झारखंड में जीती थी। पिछले चार माह में पुणे, भिंड, धौलपुर, पंजाब व उत्तर प्रदेश से ईवीएम में छेड़छाड़ से संबंधित साक्ष्य आए हैं।”

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने किसी भी आरोप की स्वतंत्र जांच कराने से इनकार कर दिया। इससे ईवीएम को लेकर संदेह बढ़े ही हैं। केजरीवाल ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग ईवीएम की जांच के लिए आमंत्रित करता है तो आप निश्चित तौर पर जवाब देगी।

उन्होंने कहा, “उन्होंने किसी को आमंत्रित नहीं किया है। केवल मीडिया में कुछ खबरें गढ़ी जा रही हैं। उन्होंने पहले हमें दिल्ली चुनाव से पहले ईवीएम की जांच करने देने पर सहमति जताई थी। उसके बाद उन्होंने कहा कि जांच चुनावों के बाद की जा सकती है। पहले क्यों नहीं?” उन्होंने प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर उन्हें ‘काम करने से रोकने के लिए सबकुछ करने’ का आरोप लगाया।

आप नेता ने कहा कि सिर्फ उनकी पार्टी ही ऐसी बदले की राजनीति का शिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “पूरे देश में ऐसा लगता है कि भाजपा का एक ही उद्देश्य रह गया है कि यदि लोग उन्हें वोट नहीं देते हैं वे सरकारों को काम नहीं करने देंगे, चाहे वह अरुणाचल हो या मणिपुर। वे सरकारों को अस्थिर करते हैं, विधायकों को लालच देते हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “त्रासदी यह है कि ऐसे लोग, जो आज वही कर रहे हैं, जो कभी भजनलाल ने किया था, वे आज ‘बेहतरीन रणनीतिज्ञ’ के रूप में सामने पेश किए जा रहे हैं, जबकि विधायकों को खोने वाली पार्टियां हालात की मारी हो गई हैं।”

उन्होंने कहा, “केवल हम ही लड़ रहे हैं और चीजों को ठीक कर रहे हैं, जबकि अन्य ने घुटने टेक दिए हैं।” केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली के नगर निगमों में भाजपा की सत्ता है, जिसने पिछले एक दशक में इसे कूड़े का ढेर बना दिया है। अब वे अपने पिछले 10 साल की विफलताओं व भ्रष्टाचार को मोदी के नाम पर ढकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप एमसीडी चुनावों में जीतती है तो ‘हम युद्ध स्तर पर दिल्ली की सफाई में जुट जाएंगे और शहर को केवल एक साल के भीतर बेहतर बना देंगे।’

उन्होंने कहा, “हाउस टैक्स समाप्त कर दिए जाएंगे और तीन साल के भीतर दिल्ली डेंगू व चिकनगुनिया से मुक्त हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि नगर निगमों के पास दिल्ली सरकार की तुलना में ‘अधिक शक्तियां, अधिक जिम्मेदारियां, अधिक विभाग हैं और ये कहीं अधिक स्वतंत्र हैं।’ केजरीवाल ने इससे भी इनकार किया कि उन्होंने पंजाब व गोवा के चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना बंद कर दिया।

उन्होंने राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में आप को मिली हार का कारण इस बात को लेकर जनता की नाराजगी बताई कि पार्टी के विधायक ने पंजाब का चुनाव लडऩे के लिए यहां से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताया कि वह ‘हमेशा लड़ते रहते हैं।’

उन्होंने कहा, “मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि केजरीवाल आपके अधिकारों के लिए लड़ता है। यदि मैं न लड़ता तो आपके बिजली के बिल आधे नहीं होते, नि:शुल्क पानी नहीं मिलता, मोहल्ला क्लीनिक अस्तित्व में नहीं आता, कामगारों तथा अतिथि शिक्षकों का वेतन नहीं बढ़ा होता।” उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली के लोगों से पूछना चाहता हूं कि मैं आपके अधिकारों के लिए लड़ूं या नहीं? लोग जवाब दें।”

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