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खेल-कूद

मुझे मिली सफलता का पूरा श्रेय मार्टिना को : सानिया मिर्जा

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मुंबई| मौजूदा वर्ष में अब तक 10 युगल खिताब चुकीं विजय रथ पर सवार सर्वोच्च विश्व वरीय युगल खिलाड़ी भारत की सानिया मिर्जा का कहना है कि स्विट्जरलैंड की उनकी जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस और उनके बीच कोर्ट पर तालमेल शानदार है और इसी वजह से दोनों एकसाथ इस वर्ष अब तक नौ खिताब जीत चुकी हैं।

सानिया-मार्टिना की जोड़ी इस वर्ष बेहतरीन फॉर्म में है और रविवार को उनकी जोड़ी प्रतिष्ठित डब्ल्यूटीए फाइनल्स महिला युगल खिताब भी जीतने में सफल रही।

इसी वर्ष जोड़ी बनाने के बाद सानिया-मार्टिना की जोड़ी सर्वोच्च विश्व वरीयता पर पहुंची और उनके जीते नौ खिताबों में दो ग्रैंड स्लैम खिताब, अमेरिकी ओपन और विंबलडन, भी शामिल हैं।

सानिया इसके अलावा वर्ष की शुरुआत में ही अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ सिडनी इंटरनेशनल खिताब भी जीतने में सफल रहीं।

दर्द निवारक दवा निर्माता वोलिनी की ब्रांड एम्बेसडर चुनी गईं सानिया ने आईएएनएस के दिए साक्षात्कार में कहा, “मेरे लिए यह पूरा सफर सपने के सच होने सरीखा है। कभी नहीं सोचा था कि एक वर्ष में 10 खिताब जीत पाऊंगी, लेकिन मुझे अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा था, जिसका मुझे फायदा भी मिला।”

सानिया ने कहा, “मार्टिना जिस अंदाज में खेल रही हैं मेरी सफलता का काफी श्रेय उन्हें जाता है। हम एकदूसरे के कोर्ट पर हर तरह से भरपूर सहयोग देते हैं और हमारे बीच गजब की तालमेल है।”

इस वर्ष मिली सबसे यादगार जीत के बारे में सानिया ने बताया कि विंबलडन में मिली जीत को सर्वाधिक स्मरणीय करार दिया, क्योंकि अब तक वह सिर्फ यही ग्रैंड स्लैम खिताब नहीं जीत पाई थीं।

उन्होंने कहा, “विंबलडन में मिली खिताबी जीत सबसे यादगार रही, क्योंकि इससे पहले मैं यहां कोई खिताब नहीं जीत सकी थी। वहां हर एक मैच बेहद खास रहा। शुरुआती असफलता के बाद हमने मजबूत वापसी की और खिताब पर कब्जा जमाया।”

मार्टिना के साथ कोर्ट पर अपने तालमेल के बारे में सानिया ने जमकर मार्टिना की सराहना की।

उन्होंने कहा, “मार्टिना चैम्पियन खिलाड़ी रह चुकी हैं और वह उतनी ही अच्छी इंसान भी हैं। हम एकदूसरे से अच्छी तरह घुलमिल चुके हैं। इस उम्र में भी उन्होंने साबित किया है कि वह एक चैम्पियन खिलाड़ी हैं। मुझे उनके साथ खेलना बेहद प्रिय है और उम्मीद करता हूं कि उनके साथ खिताबी जीत का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।”

 

ऑफ़बीट

IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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