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मुरली देवड़ा का निधन, प्रधानमंत्री ने जताया शोक 

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मुंबई| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली देवड़ा का सोमवार को 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए उन्हें ‘जोशीले स्वभाव’ का नेता करार दिया। कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने बताया कि देवड़ा ने तड़के करीब 3.30 बजे अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी तथा दो बेटे हैं, जिनमें से एक पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मिलिंद एम. देवड़ा हैं।

देवड़ा के निधन पर शोक जताते हुए मोदी ने एक संदेश में कहा, “एक समर्पित नेता, मुरली देवड़ा के जोशीले स्वभाव ने उन्हें पार्टी से इतर लोकप्रिय बनाया था। उनके निधन की खबर दुखद है। उनकी आत्मा को शांति मिले। मैं मिलिंद देवड़ा और देवड़ा परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने रविवार को देवड़ा परिवार से फोन पर बात कर मुरली देवड़ा का हालचाल पूछा था। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोमवार को उनके निधन की सूचना मिली।

मुरली देवड़ा वर्ष 1977-78 में मुंबई के मेयर रहे थे। बाद में वह दो दशक तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। मुंबई दक्षिणी सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वह केंद्र में पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री थे। उन्होंने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी संभाला था।

देवड़ा का शव लोगों के अंतिम दर्शन के लिए दक्षिण मुंबई में मुंबई रीजन कांग्रेस कमेटी (एमआरसीसी) के दफ्तर में रखा जाएगा। शाम चार बजे शहर के चदनवाड़ी स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेता उनके आवास पर पहुंच रहे हैं।

देवड़ा गांधी परिवार के समर्थकों में से रहे। अमेरिका समर्थक नीति के पैरोकार मुरली देवड़ा अर्थशास्त्र से स्नातक थे। उनका जन्म मुंबई में हुआ था। देशभर में शीर्ष राजनीतिक नेताओं, व्यवसायियों, सिनेमाकर्मियों तथा मीडियाकर्मियों से उनके व्यक्तिगत संबंध काफी अच्छे थे।

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पीएम के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट, मोदी बोले- उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए संविधान की स्पिरिट और इसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है किसी भी सरकार के लिए नीति-निर्धारण में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है।

पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है ही, फिर संविधान दिवस क्यों मनाएं। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया, इसके विषय में स्कूलों और कॉलेजों विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे, इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर है ही, इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण जनता ने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है। जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा… ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद किसी सरकार की वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। मैं कांग्रेस के कुछ साथियों को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया कि यह एक तिहाई सरकार है। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

 

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