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मुख्य समाचार

मुलायम ने आजमगढ़ के तमौली गांव को लिया गोद

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत आजमगढ़ के पल्हनी विकास खंड के तमौली गांव को गोद लिया है। मुलायम समाजवादी पार्टी से लोकसभा सांसद हैं और आज वह अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुलायम सिंह के इस गांव के गोद लेने की सूचना मिलने के बाद से ही गांव के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं हैं। यहां के लोगों में अब विकास की उम्मीद जागी है।

सपा मुखिया के इस कदम से ग्रामीण काफी उत्साहित हैं। तमौली गांव जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर स्वास्थ्य केंद्र के अलावा नजदीक पल्हनी ब्लॉक मुख्यालय है। इस गांव की कुल आबादी लगभग 3,636 है। यादव बाहुल्य इस गांव में बढ़ई, हरिजन और कोहार आदि जाति के लोग भी रहते हैं। गांव में सिर्फ एक घर सामान्य जाति के परिवार का है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है।

गांव में एक प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाइस्कूल है। बिजली की भी व्यवस्था तो है पर तार काफी जर्जर हैं। मुख्य मार्ग से चार किमी की दूरी पर यह गांव बसा हुआ है। इसके तीन तरफ से पिच मार्ग है। हालांकि, गांव में पानी की निकासी और अन्य कई समस्याएं बरकरार हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई सुविधाओं की जरूरत है। सपा मुखिया ने गांव गोद ले लिया है तो अब सभी परेशानियों से निजात मिल जाएगी।

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।

दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश

इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।

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