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मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज, आईपीएस अमिताभ का धरना खत्म

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लखनऊ। आईपीएस अधिकारी को फोन पर धमकाए जाने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। यह सूचना मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपना धरना खत्म कर दिया। अमिताभ के मुताबिक, उन्हें हालांकि एफआईआर की कॉपी अभी नहीं मिली है। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव से भी की है। अमिताभ ठाकुर ने बताया कि मुलायम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की सूचना मुझे अदालत के माध्यम से मिली है। हजरतगंज पुलिस ने अदालत को बताया कि आदेश के मुताबिक मुलायम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

उन्होंने बताया, “हजरतगंज पुलिस ने अदालत को मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिए जाने की सूचना दी है। इसके बाद मैंने पुलिस से एफआईआर की कॉपी मांगी, लेकिन पुलिस ने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मैं पुलिस महानिदेशक से मिला और उनसे एफआईआर की कॉपी मुहैया कराने की मांग की है।”

इस बीच, हजरतगंज कोतवाली के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि कोर्ट के आदेश पर मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई को सपा मुखिया मुलायम द्वारा उन्हें फोन पर धमकाए जाने की शिकायत की थी। इसके दो दिन बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अमिताभ की याचिका पर मुख्य दंडाधिकारी (सीजीऐम) सोम प्रभा मिश्रा ने 14 सितंबर को समुचित धाराओं में मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे।

लखनऊ पुलिस ने महीना बीतने के बावजूद अदालत के आदेश का पालन नहीं किया था, इससे खफा होकर आईपीएस अमिताभ गुरुवार को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उप्र सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस.एन. शुक्ला की पीठ को आश्वस्त किया था कि 30 सितंबर तक अवश्य एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, लेकिन समय सीमा खत्म होने के बाद भी जब एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तब उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना देने का फैसला किया था।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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